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“साउथ के डायरेक्टर्स बॉलीवुड के डायरेक्टर्स से ज्यादा बुद्धिमान हैं”, पियूष मिश्रा

इस साल साउथ की फिल्मों ने बॉलीवुड फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। ‘केजीएफ चैप्टर 2’ से लेकर ‘कांतारा’ तक साउथ की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की है। दरअसल, कोविड के समय से ही साउथ की फिल्मों ने हिंदी फिल्मों से किनारा करना शुरू कर दिया है। इस पर कई कलाकारों ने खुलकर कमेंट किया है। कई लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि आखिर बॉलीवुड कहां कम पड़ रहा है।हाल ही में एक्टर, गीतकार और सिंगर
इस साल साउथ की फिल्मों ने बॉलीवुड फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। ‘केजीएफ चैप्टर 2’ से लेकर ‘कांतारा’ तक साउथ की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की है। दरअसल, कोविड के समय से ही साउथ की फिल्मों ने हिंदी फिल्मों से किनारा करना शुरू कर दिया है। इस पर कई कलाकारों ने खुलकर कमेंट किया है। कई लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि आखिर बॉलीवुड कहां कम पड़ रहा है।
हाल ही में एक्टर, गीतकार और सिंगर पीयूष मिश्रा ने भी इस बारे में अपनी राय रखी है। उन्हें इस बात का मलाल है कि हिंदी फिल्में और डायरेक्टर्स एक ही सांचे में फंस गए हैं। ‘एएनआई’ से बातचीत के दौरान पीयूष ने इस बारे में बयान दिया है। उन्होंने कहा, “साउथ सिनेमा के डायरेक्टर्स बॉलीवुड के डायरेक्टर्स से अधिक बुद्धिमान हैं, वे हमसे भी अधिक बुद्धिमान हैं और वे हमसे अधिक रचनात्मक हैं। यह हमारी मूर्खता है कि हम अभी भी एक निश्चित सांचे में काम कर रहे हैं।
पीयूष मिश्रा अब शंकर द्वारा निर्देशित कमल हासन की ‘इंडियन 2’ में नजर आएंगे। पीयूष ने दक्षिणी फिल्म उद्योग में काम करने के अपने अनुभव के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “शंकर के साथ काम करना एक शानदार अनुभव था। यद्यपि अवधारणा सरल है, हम शंकर के प्रत्येक कार्य में उस विविधता को देख सकते हैं जो इसे प्रस्तुत करने में आवश्यक है।
इसके साथ ही पीयूष मिश्रा ने ‘बॉयकॉट ट्रेंड’ को लेकर भी बयान दिया है। उनका मानना ​​है कि बहिष्कार की प्रवृत्ति आंशिक रूप से सही और आंशिक रूप से गलत है। पीयूष मिश्रा इन दिनों अपने बैंड के शोज में व्यस्त हैं। इसके साथ ही वह एक आत्मकथात्मक उपन्यास भी लिख रहे हैं जो 13 जनवरी 2023 को रिलीज होगी।
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