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प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव- आदिवासी गौरव दिवस

समरता दिवस के अवसर पर प्रमुखस्वामी महाराज नगर में विशाल भक्त समुदाय के बीच नारायण सभागृह में भारत के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के अग्रणी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे और आदिवासियों के स्वजन समान वात्सल्यमूर्ति प्रमुखस्वामी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रमुखस्वामी महाराज एक विरल संत थे जिन्होंने अपने नि:स्वार्थ प्रेम और आध्यात्मि
समरता दिवस के अवसर पर प्रमुखस्वामी महाराज नगर में विशाल भक्त समुदाय के बीच नारायण सभागृह में भारत के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के अग्रणी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे और आदिवासियों के स्वजन समान वात्सल्यमूर्ति प्रमुखस्वामी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। 
प्रमुखस्वामी महाराज एक विरल संत थे जिन्होंने अपने नि:स्वार्थ प्रेम और आध्यात्मिक बल से आदिवासियों के उत्थान के लिए देशव्यापी आंदोलन में अविस्मरणीय योगदान दिया। दिव्यदृष्टा प्रमुखस्वामी महाराज इन आदिवासियों में भगवान की छवि देखते और इन्हें अपने स्वजन समान मानते थे । आदिवासियों के जीवन उत्कर्ष की गतिविधियों को निरंतर जारी रखने के लिए प्रमुखस्वामी महाराज ने उन्हें संतों और मंदिरों की  भेंट दी। आदिवासी छात्रावास, विद्यालय परिसर और चल-चिकित्सालयों के माध्यम से उनकी करुणा गंगा निरंतर प्रवाहित रहती थी । 
आदिवासी उत्थान के लिए वर्ष 1977 में साबरकांठा में प्रमुखस्वामी महाराज ने 45 डिग्री तापमान में 91 गांवों में और 1979 में 21 दिनों में पंचमहाल और भरूच जिले के 95 गांवों में विचरण किया। दूर-दराज के गाँवों में कष्ट सहते हुए विचरते प्रमुखस्वामी महाराज ने दरिद्रता, अंधविश्वास, अशिक्षा, व्यसनों तथा अन्य अनेक समस्याओं से ग्रस्त आदिवासियों की एक झोपड़ी से दूसरी झोपड़ी में गए और उनके जीवन को पवित्र संस्कारों से समृद्ध किया।
सायं का कार्यक्रम:
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5.15 बजे भगवान की धून, प्रार्थना और कीर्तन के साथ की गई। हिम्मतनगर संगीत वृंद ने कीर्तन की प्रस्तुति दी।
बीएपीएस संस्था के विद्वान संत पू. आदर्शजीवन स्वामी ने ‘प्रमुख चरितम’ व्याख्यानमाला के अंतर्गत प्रमुखस्वामी महाराज के आदिवासी उत्थान के भागीरथ कार्य को वर्णित किया। आदिवासियों के ‘टिंबली’ नृत्य के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बीएपीएस के विद्वान संत पू. ज्ञाननयन स्वामी द्वारा ‘वनवासियों के वनमाली प्रमुखस्वामी महाराज’ विषय पर प्रवचन  के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज द्वारा वनवासियों पर की गई प्रेमवर्षा का वर्णन किया। तत्पश्चात ‘आदिवासियों के उद्धारक प्रमुखस्वामी महाराज’ वीडियो प्रस्तुत की गई।
प्रासंगिक व्यक्तव्य: 
  • डॉ. स्वामी चिदानंद महाराज – President and Spiritual Head – 
  • श्री बिद्यानंद बरकाकोटी – Advisor – North Eastern Tea Association
  • श्री मंगुभाई पटेल – Governor –Govt. Of Madhya Pradesh
  • पूज्य चित्तरंजन महाराज – शांती काली आश्रम
  • मि. रिचर्ड हॉक्स OBE  – Chief Executive -British Asian Trust
  • श्री अजित कुमार सूद – Director -Mayur India Ltd.,
  • श्री प्रदीप कुमार खेरुका – Chairman – Borosil Ltd.,
  • श्री हर्ष चौहान – Chairperson -National Commission for Scheduled Tribes,
  • श्री रामचंद्र खराडी – National President – Vanvasi Kalyan Ashram,
  • श्री तरुण विजय – Former Member – Rajya Sabha
शुक्रवार 23 दिसंबर,2022  को प्रमुखस्वामी महाराज नगर में सम्मेलन व सांयकालीन सभा होगी:-
1. व्यावसायिक सम्मेलन: YEO और FICCI
  • श्री विजय चौथिवाले, अध्यक्ष, भारतीय विदेश मामले – भाजपा
  • श्री गणपत पटेल संरक्षक प्रमुख एवं अध्यक्ष – गणपत विश्वविद्यालय
  • लिएंडर पेस, प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी
2. शाम का सत्र: आध्यात्मिक और स्वास्थ्य दिवस
शाम 5 से 7:30 बजे तक
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