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प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव : संध्या सभा – ‘समरसता दिवस’

समरता दिवस के अवसर पर प्रमुखस्वामी महाराज नगर में विशाल भक्त समुदाय के बीच नारायण सभागृह में भारत के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के अग्रणी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे।भगवद्गीता की उक्ति ‘समत्वं योग उच्यते’ के मूर्तिमान स्वरूप प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन और कार्यों पर एक विशेष विडियो प्रस्तुति दी गई जिसमें दर्शाया गया कि प्रत्येक परिस्थि
समरता दिवस के अवसर पर प्रमुखस्वामी महाराज नगर में विशाल भक्त समुदाय के बीच नारायण सभागृह में भारत के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के अग्रणी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
भगवद्गीता की उक्ति ‘समत्वं योग उच्यते’ के मूर्तिमान स्वरूप प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन और कार्यों पर एक विशेष विडियो प्रस्तुति दी गई जिसमें दर्शाया गया कि प्रत्येक परिस्थिति में संयम, प्रफुल्लता, उत्साह और परमानंद प्रमुखस्वामी महाराज की अनूठी जीवन शैली थी। देश-विदेश, अमीर-गरीब, शिक्षित और अशिक्षित का भेद किए बिना प्रमुखस्वामी महाराज ने सभी को अपनत्व प्रदान किया।
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5.15 बजे भगवान की धून, नामस्मरण और कीर्तन के साथ हुई। श्रीमद्  भगवद्गीता में वर्णित समत्व योग को यथार्थ रूप में अपने जीवन में सिद्ध करने वाले प्रमुखस्वामी महाराज को संगीत वृंद द्वारा “आज हरिनु भजन” कीर्तन के माध्यम से विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 
बीएपीएस संस्था के विद्वान संत पू. आदर्शजीवन स्वामी ने ‘प्रमुख चरितम’ व्याख्यानमाला के अंतर्गत ‘समरसता के शिखर प्रमुखस्वामी महाराज’ विषय पर अपने व्याख्यान के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज के समभावपूर्ण जीवन एवं कार्यों की झांकी प्रस्तुत की।
‘पिछडे जनों के प्रेमछत्र प्रमुखस्वामी महाराज’ विषय पर एक वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज की समभाव की उच्च आध्यात्मिक स्थिति को दर्शाया गया।
कल के कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों:-
1. विजय पाटिल, अध्यक्ष, DY पाटिल यूनिवर्सिटी, नवी मुंबई 
2. संवेगभाई लालभाई, अतुल लिमिटेड।
3. मिलिंद कांबले, IIM अध्यक्ष; संस्थापक अध्यक्ष, दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
4. पूज्यपाद वैष्णवाचार्य श्री द्वारकेशलालजी,
5. श्री मोहन भागवत, सरसंचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत ने कहा, ‘मैं इस सभा और इस उत्सव का हिस्सा बनकर धन्य हूं. इस पर्व को अविश्वसनीय, अविस्मरणीय और दिव्य कहा जा सकता है। यह त्योहार उनके काम के अलावा एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात पर प्रकाश डालता है और वह है: उन्होंने ऐसा क्यों किया? उन्हें अध्यात्म पर ध्यान देने के अलावा और कुछ करने की जरूरत नहीं थी। लेकिन प्रमुख स्वामी महाराज ने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा में लगा दिया।
22 दिसंबर, गुरुवार को प्रमुखस्वामी महाराज नगर में आयोजित होने वाले सम्मेलन निम्नवत् हैं-
  • प्रोफेशनल कोन्फ़्रेंस: नेशनल एसोसिएशन ऑफ रीयलटर्स, इंडिया (NAR) 
आयोजक: अहमदाबाद रियल्टर्स एसोसिएशन
  • शैक्षणिक कोन्फ़्रेंस 
विषय: The Role of Saints in the Empowerment of Scheduled Tribes (अनुसूचित जनजातियों के उत्थान में संतों का योगदान)
आयोजक: BAPS स्वामिनारायण अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
  • संध्या सभा: आदिवासी गौरव दिवस 
    समय: साँय 5 से 7:30 
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