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‘BF.7’ सब वैरिएंट के मुकाबले कितना इफेक्टिव है पुराना वैक्सीन?

पिछले दो साल से पूरी दुनिया में कोरोना पैर पसार चुका है। हालात काबू में नहीं आए तो चीन में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई लोगों ने कोरोना के दोनों टीके ले लिए हैं। लेकिन अब नए वैरिएंट वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर कई लोगों ने सोचा है कि उन्होंने जो वैक्सीन ली है वह नए वैरिएंट से लड़ने में कितनी कारगर होगी। आइए जानते हैं कि पुरानी वैक्सीन BF.7 सब वेरियंट के मुकाबले कितनी क
पिछले दो साल से पूरी दुनिया में कोरोना पैर पसार चुका है। हालात काबू में नहीं आए तो चीन में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई लोगों ने कोरोना के दोनों टीके ले लिए हैं। लेकिन अब नए वैरिएंट वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर कई लोगों ने सोचा है कि उन्होंने जो वैक्सीन ली है वह नए वैरिएंट से लड़ने में कितनी कारगर होगी। आइए जानते हैं कि पुरानी वैक्सीन BF.7 सब वेरियंट के मुकाबले कितनी कारगर होगी।
BF.7 के खिलाफ पुराना टीका कितना प्रभावी है?
सेल होस्ट और माइक्रोब जनरल के एक अध्ययन के अनुसार, BF.7 सब-वैरिएंट वैक्सीन के कारण शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी से बच सकता है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के पहले वैरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक प्रतिरोधी है। वायरस तब भी लोगों को संक्रमित कर सकता है, भले ही उन्होंने टीके के कारण एंटीबॉडी विकसित कर ली हों।
BF-7 का ‘R’ वैल्यू अधिक होता है
BF.7 का ‘R’ वैल्यू 10 और 18 के बीच है। इसका मतलब है कि BF.7 से संक्रमित व्यक्ति अपने आसपास कम से कम 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि पिछले वेरिएंट की तुलना में BF.7 वेरिएंट की R वैल्यू सबसे ज्यादा है। पहले के अल्फा वेरिएंट की आर वैल्यू 4-5 थी और डेल्टा वेरिएंट की आर वैल्यू 6-7 थी।
R वैल्यू क्या है?
R वैल्यू कोरोना वायरस या किसी बीमारी के फैलने की क्षमता को आंकने का एक तरीका है।
BF.7 से भारत को क्या खतरा है?
इस वेरिएंट को अभी भारत में खतरा नहीं है। लेकिन फिर भी सभी को सावधान रहने की जरूरत है। कोविड नियमों का पालन करने के साथ ही सतर्क रहने की भी जरूरत है। हालांकि इस वैरिएंट के मरीज भारत में पाए गए हैं, लेकिन अभी तक इसके 4 से 5 मामले ही सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने कोविड नियम जारी किए हैं।
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