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अंकिता मर्डर केस; हत्यारों को तुरंत फांसी देने की मांग

भाजपा नेता के बेटे की हत्या के संदेह में अंकिता भंडारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर रविवार को उत्तराखंड में नागरिकों ने नाराजगी व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए। अंकिता के हत्यारों को तत्काल फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग जाम कर दिया। अंकिता का पोस्टमार्टम एम्स ऋषिकेश में किया […]

भाजपा नेता के बेटे की हत्या के संदेह में अंकिता भंडारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर रविवार को उत्तराखंड में नागरिकों ने नाराजगी व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए। अंकिता के हत्यारों को तत्काल फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग जाम कर दिया।

अंकिता का पोस्टमार्टम एम्स ऋषिकेश में किया गया। शुरुआती रिपोर्ट में डूबने से मौत होने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मरने से पहले वह घायल हो गयी था। परिजनों ने नाराजगी जताई और शुरू में दाह संस्कार से इनकार कर दिया। इसके बाद आक्रोशित नागरिक सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस अंकिता के पिता वीरेंद्रसिंह भंडारी को वहां ले गई। उन्होंने कहा कि हत्या की जांच ठीक से चल रही है और पुलिस हर तरह का सहयोग कर रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शेखरचंद्र सुयाल ने भी कहा कि ऑपरेशन ठीक से चल रहा है। हालांकि इसके बाद भी आंदोलन जारी रहा। कुछ प्रदर्शनकारियों ने यह स्टैंड लिया कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक अंकिता के परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी का लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने यह भी मांग की कि आरोपियों को हमें सौंप दिया जाए और हम उन्हें सबक सिखाएं। अंकिता की हत्या के विरोध में श्रीनगर में बंद भी रखा गया था। अंत में शाम को अलकनंदा नदी के तट पर उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया।

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अंकिता

असल में क्या हुआ?
भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित के पास पौड़ी जिले में वनंतारा रिसॉर्ट है। वहां काम करने वाली अंकिता एक हफ्ते से लापता थी। इस मामले में शक के आधार पर पुलकित समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद उसने हत्या की बात कबूल कर ली. अंकिता का शव शनिवार को ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिला था।

अंतिम संस्कार में देरी क्यों?
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिर्णायक है। उसके परिवार ने स्टैंड लिया था कि जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती हम अंकिता का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसलिए उनके शव को गांव की मोर्चरी में रखवाया गया। शाम को प्रशासन की समझ में आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए।

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