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Ram Mandir Ayodhya: क्या है राम मंदिर की खासियत, जानें इसका इतिहास

Ram Mandir Ayodhya: भारतीय सांस्कृतिक के प्रतीक के रूप में अयोध्या राम मंदिर की स्थापना की जा रही है जो भगवान राम के जन्म स्थान यानी अयोध्या में बनाया गया है। इस मंदिर में 22 जनवरी 2024 को राम भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जैसे जैसे तारीख पास आ रही है लोगों में भी […]

Ram Mandir Ayodhya: भारतीय सांस्कृतिक के प्रतीक के रूप में अयोध्या राम मंदिर की स्थापना की जा रही है जो भगवान राम के जन्म स्थान यानी अयोध्या में बनाया गया है। इस मंदिर में 22 जनवरी 2024 को राम भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जैसे जैसे तारीख पास आ रही है लोगों में भी उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। 500 वर्ष के बाद भगवान राम सिंहासन पर विराजने वाले हैं ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही लोग भारी संख्या में अयोध्या नगरी पहुंचने लगे है। वहीं लोग यह जानने को भी काफी उत्सुक है इतने सालों बाद किस तरह से राम मंदिर की भव्य तैयारी की जा रही है और इस मंदिर में क्या क्या खासियत है। आइए आज हम आपको बताते है राम जन्म भूमि पर बने इस मंदिर की खासियत और इसका इतिहास

राम मंदिर का इतिहास:- 

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास वर्षो पुराना है। इस मंदिर की स्थापना भगवान राम के जन्मस्थान पर की गई है। अयोध्या राम मंदिर का इतिहास हिंदू ग्रंथ,वेदों, भगवान राम की रामायण और पुराणों में भी मिलता है। यहां पर भगवान राम का बचपन बीता था। इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट बाबर द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था और उस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है। सदियों बाद 1992 में हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा इस मस्जिद ध्वस्त कर दिया गया था जिससे देशभर में व्यापक हिंसा और तनाव का माहौल पैदा हो गया था। अयोध्या विवाद हमेशा से विवादस्पद मुद्दा और लोगों के बीच में चर्चा का विषय रहा है। लेकिन 2019 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

Ram Mandir Ayodhya

जानें इस मंदिर की खासियत :—

1. नागर शैली में बनाया गया है मंदिर

राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। बता दें कि नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू वास्तुकला पर आधारित शैलियों में से एक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली की मंदिरों की उस मंदिर के आधार से लेकर शीर्ष तक चतुर्भुज के रूप में किया जाता है। इस शैली की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इस शैली के मंदिरों में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसके अलावा इस मंदिर में ध्यान कक्ष, धर्मशाला,कर्मचारियों के लिए आवास, एक प्रदर्शनी, अनुसंधान केंद्र और एक पुस्तकालय भी बनाया गया है। यह पुस्तकालय साहित्य और भगवान राम पर शोध करने के लिए बनाया गया है।

2. मंदिर में लगे है सागौन के दरवाजे

अयोध्या राम मंदिर में महाराष्ट्र की सागौन के दरवाजे लगाए गए है। इस मंदिर के भूतल पर 14 खूबसूरत घुमावदार दरवाजे लगाए गए है जिसे महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से बनाया गया है। वहीं इन दरवाजों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इन दरवाजों को सोने से जड़ा जाएगा। इन दरवाजों पर हाथी,सुंदर विष्णु कमल, स्वागत मुद्रा में देवी प्रतिमाएं बनाई गई है। गर्भगृह के दरवाजे की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 12 फीट है। मंदिर के चारों दरवाजे एक दूसरे अलग डिजाइन किए गए है। जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई जाएगी।

3. 2100 किलोग्राम का घंटा

राम मंदिर में 5 मंडप बनाए गए है जिनकों गुंबदों का आकार दिया गया है। इन मंडंपों की चौड़ाई 34 फीट और ऊंचाई 32 फीट रखी गई है। वहीं आंगन के ऊपर की ऊंचाई 69 फीट से लेकर 111 फीट तक रखी गई है और राम मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट है। मंदिर के गर्भगृह को पूरे मकराना संगमरमर से बनाया गया है। मंदिर में 2100 किलोग्राम का एक घंटा भी लगाया है जिसे यूपी के जलेसर में बनाया गया है। इस घंटे की कीमत 25 लाख के आस पास बताई जा रही है।

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