Home Home News News Watch Watch Shorts Shorts Web Stories Web Stories

T-20 World Cup 2007: पंद्रह साल पहले बना इतिहास जिसने बदल दी क्रिकेट की दुनिया

10:59 AM Jul 24, 2023 | OTT India

आज टी-20 वर्ल्ड कप जीते करीब 15 साल हो गए हैं। लेकिन इन 15 सालों से पहले ही लोगों की नजर में भारतीय क्रिकेट की छवि खराब होती जा रही थी। लोगों का सामान्य रवैया यह था कि भारतीय क्रिकेट टीम केवल टूर्नामेंट में भाग लेती है और जीतती नहीं है। फिर मैच क्यों देखें। दरअसल इस पहले टी-20 वर्ल्ड कप को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। दिग्गज और तत्कालीन सीनियर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ सभी ने नाम वापस ले लिया। तब सवाल था कि ऐसे में कप्तान का पद किसे दिया जाए। और फिर उस समय एमएस धोनी का नाम सामने आया।

बतौर कप्तान धोनी का यह पहला टेस्ट था। भारत के समूह में स्कॉटलैंड और पाकिस्तान शामिल थे। स्कॉटलैंड के खिलाफ टीम इंडिया का मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। फिर पाकिस्तान के खिलाफ मैच सुपर ओवर में चला गया। भारत ने गेंद को जीत लिया और सुपर सिक्स में जगह बनाई। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मैच में भारत को 10 रन से हार का सामना करना पड़ा।

अगले मैच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थे और सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए इन दोनों मैचों को जीतना बहुत जरूरी था। चुनौती कठिन थी। लेकिन युवा भारत ने उसे भी पास कर दिया। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में युवराज सिंह कुछ अलग ही मूड में थे। उन्होंने एक अलग रिकॉर्ड बनाया। युवी ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार 6 छक्के लगाए और पूरा खेल ही बदल दिया। उस रिकॉर्ड को कोई नहीं भूल सकता।

यह देखे:- एक्ट्रेस सुष्मिता मुखर्जी ने की खुलकर बात

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में खेलते हुए युवी ने फिर से चमक बिखेरी और 30 गेंदों में 5 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 70 रन बनाए। फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम भी श्रीसंत की गेंदबाजी के आगे झुक गई और युवा भारतीय टीम सीधे फाइनल में पहुंच गई। वर्ल्ड कप फाइनल में पहली बार भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। भले ही भारत ने पाकिस्तान को सीरीज के राउंड बॉल आउट में हरा दिया हो, लेकिन सचिन, द्रविड़ और गांगुली की गैरमौजूदगी में इस फाइनल का दबाव अलग था।

पाकिस्तान के खिलाफ मैच भारत के लिए हमेशा ही काफी इमोशनल होता है। उस समय फाइनल में पागलों की तरह खुद को कभी गंभीरता से लेने वाली भारतीय टीम को देखने के लिए लोग तैयार थे। इस महायुद्ध को देखने के लिए जगह-जगह स्क्रीन्स लगाए गए थे। हर तरफ सिर्फ एक ही चर्चा थी कि विश्व कप कौन उठाएगा?

जोहान्सबर्ग में खेले गए इस फाइनल में भारत ने 20 ओवर में 157 रन बनाए। मैच के आखिरी ओवरों में पाकिस्तान को केवल 13 रन चाहिए थे और यह पाकिस्तान का दुर्भाग्य था कि श्रीसंत ने आखिरी ओवर में मिस्बाह-उल-हक को कैच कर लिया और भारत ने अपना पहला आईसीसी विश्व कप जीता और इसका श्रेय धोनी को मिला। किसी ने नहीं सोचा होगा कि पहली बार कप्तानी करने वाला यह युवक इतिहास रच देगा लेकिन धोनी ने ऐसा कर दिखाया और टी-20 वर्ल्ड कप जीत लिया। इस विश्व कप से कमजोर मानी जाने वाली भारतीय टीम फिर से सभी की नजरों में आने लगी।

दरअसल, भारतीय क्रिकेट का स्वर्ण युग वहीं से शुरू हुआ था। 2007 विश्व कप के प्रदर्शन को देखने के बाद, बीसीसीआई ने दूसरे वर्ष यानी 2008 में आईपीएल की घोषणा की। यह आईपीएल बीसीसीआई के लिए बहुत अच्छा रहा। अब आईपीएल मीडिया राइट्स की बिक्री 50 हजार करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गई है। यह सब 2007 टी20 विश्व कप में धोनी के नेतृत्व वाली युवा भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन के कारण है।

यह पढ़े:- दो दशक बाद कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष; उम्मीदवारी आवेदन दाखिल करना आज से शुरू

The post T-20 World Cup 2007: पंद्रह साल पहले बना इतिहास जिसने बदल दी क्रिकेट की दुनिया appeared first on otthindi.