Home Home News News Watch Watch Shorts Shorts Web Stories Web Stories

Lok Sabha Election 2024 EVM-VVPAT Controversy ईवीएम पर सुप्रीम फैसला, VVPAT से मिलान की याचिका खारिज, अब EVM से ही होगा चुनाव

01:13 PM Apr 26, 2024 | Ravi Ranjan

Lok Sabha Election 2024 EVM-VVPAT Controversy  देश के सर्वोच्च न्यायालय ने EVM  के वोटों का वीवीपैट पर्चियों से सौ फीसदी मिलान की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज  संजीव खन्ना और  दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इस मामले पर सर्व सम्मति से फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने  बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग को भी खारिज करते हुए कहा है कि प्रत्याशी अगर चाहेंगे तो  परिणाम घोषित होने  के बात 7 दिन के भीतर दोबारा रिजल्ट की जांच करवा सकते हैं।  ऐसी हालत में माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियरों से कराई जाएगी।

बेलेट पेपर से चुनाव की मांग को ठुकराया

सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपेर से चुनाव कराने की याचिका को भी खारिज कर दिया। ईवीएम और वीवीपैट की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हम दो निर्देश दे रहे हैं ..पहला कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद इस यूनिट को सील कर दिया जाए और सिंबल लोडिंग यूनिट को  पैंतालिस दिन के लिए सुरक्षित रखा जाए। कोर्ट ने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि परिणाम की घोषणा के बाद अगर किसी प्रत्याशी जो दूसरे या तीसरे नंबर पर आए हैं को कोई आपत्ति हो तो सात दिन के अंदर शिकायत करे। कोर्ट ने आदेश दिया कि ईवीएम के भीतर माइक्रोकंट्रोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियरों की टीम करेगी। सारा खर्च प्रत्याशियों को देा होगा और  अगर  EVM में छेड़छाड़ की बात का पता चलता है तो सारा खर्च जो कैंडिडेट ने किया है, उसे वापस कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 Dungarpur : मतदान को लेकर अनूठा उत्साह, नाव में बैठकर मतदान करने पहुंच रहे मतदाता, 91 वोटर रहते है टापूओं पर

कोर्ट ने दो दिन पहले फैसला रख लिया था सुरक्षित

बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करने के बाद पिछले 24 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले पर  जस्टिस संजीव खन्ना ने साफ कर दिया कि अब मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि पहले हमारे कुछ सवाल थे जिसका जवाब हमें मिल गया है। हम कुछ निश्चित स्पस्टीकरण चाहते थे, इसीलिए पैसला सुरक्षित रख लिया था।

एडीआर और कुछ समाज सेवियों ने लगाई थी याचिका

गौरतलब है कि वीवीपैट  पर्चियों की सौ फीसदी मिलान को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने वर्ष 2023 के अगस्त महीने में अर्जी लगाई थी। याचिका में कहा गया था कि मतदाताओं को वीवीपैट की पर्ची से मिलान करने का मौका दिया जाना चाहिए। मतदाताओं को खुद बैलेट बॉक्स में पर्ची डालने की अनुमति मिलनी चाहिए। कोर्साट में माजिक कार्यकर्ताओं की पैरवी  जानेमाने अधिवक्ता  प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े कर रहे थे।वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अब तक एडवोकेट मनिंदर सिंह, अफसरों और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूरे मामले की पैरवी की।

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 Rajasthan: राजस्थान की बुजुर्ग मतदाता के लिए क्यों किया पीएम मोदी ने ट्वीट ?