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रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से नारायण राणे को भाजपा ने बनाया उम्मीदवार, विनायक राउत से होगा सामना

Ratnagiri Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने गुरूवार को अपनी 13वीं सूची जारी की है। इस सूची में महाराष्ट्र के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट (Ratnagiri Lok Sabha Seat) से नारायण राणे को उम्मीदवार बनाया हैं। बता दें मोदी सरकार में नारायण राणे को मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। हाल ही […]

Ratnagiri Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने गुरूवार को अपनी 13वीं सूची जारी की है। इस सूची में महाराष्ट्र के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट (Ratnagiri Lok Sabha Seat) से नारायण राणे को उम्मीदवार बनाया हैं। बता दें मोदी सरकार में नारायण राणे को मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। हाल ही में उनका राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हुआ है। ऐसे में अब बीजेपी ने एक बार फिर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

विनायक राउत से होगा सामना:

बता दें पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र की रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट को लेकर मंथन चल रहा था। इस सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) अपना प्रत्याशी उतारना चाह रही थी। लेकिन आखिरकार बीजेपी ने इस सीट से नारायण राणे को टिकट देकर बड़ा दांव खेला है। नारायण राणे की गिनती महाराष्ट्र के बड़े नेताओं में होती है। उनका इस सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विनायक राउत से सामना होगा।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं नारायण राणे:

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से विनायक राउत को एक बार फिर मैदान में उतारा है। इससे पहले भी विनायक राउत ने ही साल 2019 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीता था। लेकिन इस बार उनके सामने चुनौती बड़ी रहने वाली है। क्योंकि नारायण राणे के पास राजनीति का बहुत अनुभव है। वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके है। जबकि इस सीट से उनके बेटे निलेश राणे ने कांग्रेस की टिकट पर साल 2009 में चुनाव जीता था।

बेटे की हार का लेंगे बदला..?

बता दें इस सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में विनायक राउत ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। उस समय उनके सामने नारायण राणे के बेटे नीलेश नारायण राणे ही थे। नीलेश राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब देखना होगा कि नारायण राणे अपने बेटे की हार का बदला ले पाएंगे या नहीं..?

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