+

Ram Mandir: कभी राम मंदिर जाने से रोका तो खुद को बना लिया राम धाम, अब अयोध्या से आया निमंत्रण

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण, राम भक्तों के लिए इससे सुन्दर समय क्या ही होगा? पूरे विश्वभर में चर्चा और भारत में उत्सव, दीपावली जैसा माहौल। पर एक समय वो भी जब राम मंदिर  में उनके भक्तों को जाने से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने […]

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण, राम भक्तों के लिए इससे सुन्दर समय क्या ही होगा? पूरे विश्वभर में चर्चा और भारत में उत्सव, दीपावली जैसा माहौल। पर एक समय वो भी जब राम मंदिर  में उनके भक्तों को जाने से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने ईष्ट भगवान राम को ही समर्पित कर दिया सब कुछ।

राम नाम में आस्था इतनी कि सब राममय

एक सम्प्रदाय ऐसा भी है, जिसे एक समय में मंदिर (Ram Mandir) जाने के लिए धनाढ्यों ने रोका था। पर राम नाम में आस्था ऐसी की सब राममय कर लिया। इतना राममय कि अब राम ही सर्वस्व हैं। सैंकड़ों सालों से अपने पूरे शरीर पर राम नाम लिखवाते हैं हैं। माथे पर तिलक नहीं, राम नाम होता है। घर में रामायण, दरवाजों, दीवारों खिडकियों पर राम ही राम।

 Ramnami Tribe Ram Mandir

विवाह होता है, फेरे अग्नि के नहीं, रामायण के

जब भी इस सम्प्रदाय में विवाह होता है तो वो सामान्य पद्धति से नहीं होता। इनकी राम आस्था (Ram Mandir) इतनी है कि जैसे सामान्यतः अग्नि के फेरे लेकर विवाह सम्पन्न माना जाता है वैसे ही इस सम्प्रदाय के लोग रामचरित मानस यानी रामायण को साक्षी मान कर उसी के फेरे लेते हैं। इस रामनामी सम्प्रदाय में ईश्वर का एक मात्र स्वरूप राम हैं।

अंतिम संस्कार दफना कर, जलाने से रामनाम जलता है

भगवान राम को लेकर भावनाओं से ओतप्रोत और भावनाशुद्धि इतनी है कि जब भी इस संप्रदाय के किसी व्यक्ति मृत्यु होती है तो उसे हिन्दू रीतियों के अनुसार मुखाग्नि नहीं दी जाती। इस सम्प्रदाय में मृतक की देह को दफनाया जाता है। इसके पीछे इनकी राम (Ram Mandir) को लेकर श्रद्धा का ही अगाढ़ भाव ही है, इनका मानना है कि इनके पूरे शरीर पर राम नाम लिखा हुआ है, अगर देह को जलाया जाएगा तो राम का नाम जलेगा, जो ये बिलकुल नहीं चाहते। इसलिए अंतिम संस्कार में देह को दफनाया जाता है।

अयोध्या से आया है निमंत्रण

अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir) के समय इनके समाज और सम्प्रदाय की प्रतिष्ठा का दिन भी बन गया है। एक समय था जब इनको मंदिर जाने से रोका गया था, एक अब का समय है कि अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में इनको निमंत्रण देकर बुलाया गया है। रामनाम सम्प्रदाय के लिए ये हुल्लास और भक्तिमय समय का अनोखा संगम है। वैसे तो अयोध्या में रामनामी संप्रदाय जो कई बार देखा गया है, पर इस बार सम्मान से और इनकी पहचान के साथ इनको ससम्मान सरकारी निमंत्रण आने की खबर से इनके राम मंदिर जाने का अनुभव अब बदलने वाला है।

 Ramnami Tribe Ram Mandir

आसान नहीं है शरीर पर रामनाम धारण करना

राम भक्ति (Ram Mandir) इतनी आसान भी नहीं, इस सम्प्रदाय में रामनाम पूरे शरीर पर लिखवाने की प्रक्रिया बहुत कष्ट और पीड़ादायक भी है। जानकार बताते हैं कि वर्तमान में टैटू करवाने जितनी आसान प्रक्रिया नहीं है। इसमें मिट्टी के तेल को जलाया जाता है और उसके पूरे एक बर्तन पर उसकी कालिख इकठ्ठा की जाती है। उसके बाद बबूल की छाल उबाल कर उसमें कालिख मिला कर पेस्ट तैयार किया जाता है। फिर तीखी सुई से उस घोल को शरीर पर चुभा चुभा कर राम नाम लिखा जाता है।

पूरे शरीर पर लिखवाने में लगता है एक महीना

पूरे शरीर पर राम नाम  (Ram Mandir) लिखवाने की प्रक्रिया बहुत दर्द देने वाली तो है ही, पर ये प्रक्रिया छोटी भी नहीं है। इसमें पूरा एक महीना लगता है, जहाँ सुई चुभा कर नाम लिखा जाता है वहां खून निकलता है, सूजन आ जाती है, जिसका उपचार भी आयुर्वेदिक ही करते हैं, हल्दी और तेल लगा कर उसे सामान्य करने में और घाव भरने में भी समय लगता है।

अहर्निश चलता है राम नाम, भजन भी राम ही के नाम के

रामनामी सम्प्रदाय एक सभी लोगों के घरों में हमेशा राम नाम (Ram Mandir)  का जप चलता रहा है। घुंघुरुओं को बजाते हैं, नाचते हैं, यही भजन है और यही साधना। राम नाम मूल में है और वही राम नाम मूल मन्त्र भी। भजन के लिए हमेशा कोई न कोई कार्यक्रम का आयोजन होता रहता है, जिसमें नाचते – गाते भजन करते हैं। इनका ईश्वर से सम्पर्क का और उन तक पहुँचने का यही तरीका है।

 Ramnami Tribe Ram Mandir

शरीर ही नहीं, कपड़े भी रामनामी

रामनामी सम्प्रदाय (Ram Mandir) के सभी सदस्य जो कपड़े पहनते हैं वो बिना सिले हुए होते हैं परन्तु एक विशेष कपड़े ही पहनते हैं, उस कपड़े की विशेषता भी यही है उस पूरे कपड़े पर राम नाम छपा हुआ है। सफ़ेद रंग के पूरे कपड़े राम नाम से ढके हुए होते हैं और उसी कपड़े से शरीर ढका हुआ होता है। इसके अलावा उनके मुखिया के सर पर एक टोपीनुमा चीज भी पहनी हुई होती है. पर उस पर भी राम राम लिखा हुआ होता है।

 Ramnami Tribe Ram Mandir

बचपन से पढ़ते हैं रामनाम और रामायण

रामनामी संप्रदाय की ये परम्परा है, कि बचपन से उन्हें रामायण (Ram Mandir) पढ़ाई जाती है, हर घर में रामायण का होना तो अनिवार्य है ही और साथ ही उसकी कथाएँ और राम नाम से जुड़ी कहानियों को ही बच्चों तक बचपन से संस्कारों की तरह ही पिरोई जाती है। बच्चे जैसे बड़े होते हैं वैसे वैसे उनको  राम नाम का महत्व बताया जाता है, बच्चों की दिनचर्या में राम शामिल कर दिया जाता है। बड़े होने के बाद ये उनकी इच्छा पर होता है कि वो अपन शरीर पर राम नाम लिखवाना चाहते हैं या नहीं। इस पर निर्णय लेने के लिए वो स्वतंत्र होते हैं।

यह भी पढे़ं – Ram Mandir Live Update: कुछ देर बाद स्थाई मंदिर में विराजेंगे रामलला, अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी

OTT INDIA आपको खबरों से रखेगा अपडेट

OTT INDIA देश का नंबर 1 डिजिटल प्लेटफॉर्म है- जो देशवासियो को हर खबर में सबसे आगे रखता है। OTT इंडिया पर पढ़ें नेशनल, इंटरनेशनल, इलेक्शन, बिजनेस, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट समेत सभी खबरें। अब हर समाचार आपकी उंगलियों पर, हमारा नवीनतम Android और iOS ऐप डाउनलोड करें। ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ें। 

Whatsapp share
facebook twitter