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Ram Mandir:रामलला की मूर्ति में छुपे है विष्णु के 10 अवतार, जानें इसकी विशेषता

09:03 PM Jan 19, 2024 | Juhi Jha

राजस्थान डिजिटल डेस्क। Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर (Ram Mandir) का उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। आज प्राण प्रतिष्ठा के चौथे दिन सुबह 9 बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट की गई और इसके बाद अनुष्ठान से जुड़े कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसी बीच में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक 3 दिन पहले श्रीराम की मूर्ति की पूरी तस्वीर सामने आई है। दरअसल रामलला की यह तस्वीर निर्माण के दौरान की है। जानकारी के अनुसार यह तस्वीर वर्कशॉप के दौरान क्लिक की गई थी जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

हालांकि गुरूवार को रामलला की मूर्ति को विधि विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। उस समय रामलला की मूर्ति पीले रंग के कपड़े से ढकी हुई थी। फिलहाल रामलला की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बंधी है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आंखों पर बंधी पट्टी हटाई जाएगी। फिर सोने की सलाई से रामलला को सुरमा लगाया जाएगा। इस मूर्ति का निर्माण काले पत्थर से किया गया है। आइए जानते है रामलला की मूर्ति से जुड़ी कुछ विशेषताएं :-

200 किलोग्राम वजनी रामलला की मूर्ति:-

रामलला की मूर्ति की विशेषताओं की बात करें तो इसमें कई तरह की खूबियां है। मूर्ति का निर्माण श्याम शिला से किया गया है। जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति पर जल सहित चंदन, रोली आदि सब लगाने के बाद भी कोई नुकसान नहीं होगा। इस मूर्ति का वजह करीब 200 किलोग्राम है और इसकी ऊंचाई 51 इंच है। कमल दल पर खड़ी रामलला की मूर्ति के हाथ में धनुष और तीर है। यह मूर्ति कृष्ण शैली में बनाई गई है।

मूर्ति में छुपे है विष्णु के 10 अवतार:-

रामलला की मूर्ति के चारों तरफ भगवान राम के 10 अवतारों के दर्शाया गया है। इसमें सबसे पहला मत्स, दूसरा कूर्म, तीसरा वराह, चौथा नृसिंह, पांचवा वामन, छठा परशुराम, सातवा राम, आठवा कृष्ण, नौवां बुद्ध और दसवें स्थान पर कल्कि के दर्शन होते है। साथ ही इस मूर्ति में एक तरफ हनुमान और दूसरी तरफ गरूड़ विराजमान है।

क्यों है खास:-

राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए श्रीराम की 5 वर्ष बाल स्वरूप में बनाई गई है। जिसमें रामलला को कमल पर विराजमान दिखाया गया है। इस मूर्ति की एक और सबसे खास बात यह है कि इस मूर्ति में 7 आकृति बनाई गई है जिसमें गणेश,ऊं, गदा, शंख, हनुमान और स्वास्तिक की आकृति शामिल है। प्रभु श्रीराम भगवान विष्णु के ही अवतार थे । इसी वजह से उनकी इस मूर्ति में विष्णु भगवान से जुड़े इन चिन्हों को शामिल किया गया है। जो इस मूर्ति को ओर भव्य और सुंदर बनाती है। श्रीराम के प्रतिमा के सिर पर सूर्य बनाया गया है। जो सूर्यवंशी का प्रतीक है। इसके अलावा भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा और  भुजाएं घुटनों तक लंबी है। बता दें कि इस मूर्ति का निर्माण मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज द्वारा किया गया है।

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