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Rajasthan 2nd Phase Election Details: राजस्थान के दोनों चरण के मतदान के बाद राजनीति का पूरा खेल समझ लीजिए…

05:53 AM Apr 27, 2024 | Bodhayan Sharma

Rajasthan 2nd Phase Election Details: राजस्थान। देश भर में लोकसभा चुनावों को लेकर राजनीति चरम पर है। चुनाव आयोग के बनाए 7 चरण के चुनाव में से 2 चरण शुक्रवार 26 अप्रैल 2024 को पूर्ण हो गए। राजस्थान की 25 में से 12 लोकसभा सीटों (Rajasthan 2nd Phase Election Details) पर मतदान प्रथम चरण में हुआ वहीं दूसरे चरण में बची हुई 13 सीटों पर मतदान पूर्ण हो गया। राजस्थान में सभी 25 सीटों पर मतदान तो पूरा हो गया परंतु इसका परिणाम पूरे देश भर में एक ही दिन यानि 4 जून को आएगा। राजस्थान में प्रथम चरण के मतदान में 60 प्रतिशत से कम ही मतदान हुआ था। हालांकि इस दूसरे चरण में एक सीट और मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा है।

पहले चरण से अधिक हुआ दूसरे चरण में मतदान

पहले चरण की बात की जाए तो मतदान का आंकड़ा 60 प्रतिशत को भी नहीं छू पाया था। शुक्रवार 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के लिए 13 लोकसभा सीटों के मतदान में 6 प्रतिशत अधिक मतदान (Rajasthan 2nd Phase Election Details) हुआ बताया जाता है। हालांकि इसका पूरा आंकड़ा अभी आना बाकी है। उम्मीद जताई जा सकती है कि मतदान में बढ़ोतरी ही होगी। दूसरे चरण के मतदान के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं में हलचल के साथ साथ खुशी भी दिखाई दे रही है। मतदान प्रतिशत बढ़ाने से सभी दलों के बीच उम्मीद बढ़ती नज़र आ रही है। प्रथम दृष्टया तो यही नज़र आ रहा है कि मतदान के पहले चरण से तुलनात्मक दूसरे चरण में मतदाताओं ने बम्पर मतदान किया है। मतदान 6 बजे पूर्ण हुआ तब तक मतदाता केन्द्रों पर पहुँच रहे थे।

इन लोकसभा सीटों पर मतदान 70 प्रतिशत पार

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में देखा जाए तो कई लोकसभा सीटें ऐसी भी रहीं जहां मतदान उम्मदी से और पुराने आंकड़े से कहीं ज्यादा हुआ। इसमें सबसे पहले नाम आता है राजस्थान (Rajasthan 2nd Phase Election Details) की बाड़मेर लोकसभा सीट का। राजस्थान के दोनों चरणों में सबसे अधिक मतदान इसी सीट पर हुआ है। यहाँ पिछले तीन चुनावों में अब तक सबसे अधिक वोटिंग हुई है। साल 2024 में बाड़मेर में 74.25 प्रतिशत मतदान होना बताया गया है। वहीं बाड़मेर के अलावा बांसवाड़ा और कोटा में भी मतदान 70 प्रतिशत से अधिक हुआ है। कोटा में 71.42 प्रतिशत मतदान हुआ तो बांसवाड़ा में 72.77 प्रतिशत मतदान हुआ।

त्रिकोणीय मुक़ाबले और हॉट सीटों पर बढ़ा मतदान

बाड़मेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुक़ाबला देखने को मिला। वहाँ पर हुए मतदान में मतदाताओं ने अपना पूरा जोश दिखाया और आंकड़ा बढ़ोतरी की तरफ दिखा। वहीं कोटा सीट पर भाजपा की टिकट पर ओम बिरला और कॉंग्रेस की टिकट पर प्रहलाद मुंजाल मैदान में थे। इस सीट पर मुक़ाबला पार्टी से ज्यादा व्यक्तिगत था। यहाँ भी मतदान प्रतिशत (Rajasthan 2nd Phase Election Details) पिछले चुनावों से अधिक दर्ज किया गया। इन सभी सीटों पर होने वाले अधिक मतदान को सभी दलों के उम्मीदवार अपनी ही जीत का हिस्सा मान रहे हैं। फिर चाहे वो कोटा की सीट हो या बाड़मेर – जैसलमर की। जिन – जिन सीटों पर मुक़ाबला बड़ा और दिलचस्प था वहाँ से मतदान की खबर भी दिलचस्प और बड़ी ही आई है। इसलिए सीधे तौर पर ये कहा जा सकता है कि मतदाताओं ने इन सीटों के मुक़ाबले को और बड़ा बना दिया है।

बाड़मेर – जैसलमर में जीत कैसे होगी तय?

त्रिकोणीय मुक़ाबले वाली सीट पर होने वाली मतदान की गणित को सीधे तौर पर देखा जाए तो यहाँ जाति के आधार पर वोटिंग होना तय माना जा रहा था। यहाँ राजपूत और जाट वोटों के हाथ में हार जीत का मंत्र है। इस हॉट सीट से भाजपा के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी मैदान में हैं जो जाट वोटों को एक तरफा करने की ताकत भी रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ काँग्रेस (Rajasthan 2nd Phase Election Details) उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल भी जाट समुदाय से ही आते हैं। इसलिए ज्यादा आसार ये लगाए जा रहे हैं कि जाट वोटों में बंटवारा हो सकता है और तीसरे उम्मीदवार जो राजपूत समाज से आते हैं रवीन्द्र सिंह भाटी को इसका फाइदा मिल सकता है। परंतु इसमें एक और परिवर्तन होने की उम्मीद लगाई जा रही है, वो ये है कि अगर जात वोट बांटने की बजाए किसी एक उम्मीदवार के पास रहे तो इसमें काँग्रेस या भाजपा की जीत होगी और राजपूत उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मतदान के प्रतिशत में हुई बढ़ोतरी अभी इस पूरे कयास को किसी भी परिणाम तक लेकर जा सकती है।

डुंगरपुर – बांसवाड़ा सीट पर चलेगा किसका जादू?

डूंगरपुर-बासवाड़ा सीट पर हुए मतदान के बाद यहाँ भी स्थिति बाड़मेर – जैसलमर सीट जैसे ही बने हुए हैं। इस सीट पर सबसे बड़ी चर्चा तीसरे फ्रंट की होती नज़र आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि काँग्रेस और भाजपा (Rajasthan 2nd Phase Election Details) के बीच बीएपी यानि भारत आदिवासी पार्टी के युवा उम्मीदवार राजकुमार रोत ने अपनी जगह बना ली है। यहाँ की बम्पर वोटिंग में ये माना जा रहा है कि राज कुमार रोत के हिस्से सबसे ज्यादा वोट आएंगे। इस कयास की वजह ये भी मानी जा सकती है कि इस सीट पर इस बार आदिवासियों ने बढ़ चढ़ कर मतदान किया है। इस सीट पर 70 प्रतिशत से भी ज्यादा एससी मतदाता है। काँग्रेस का हाथ छोड़ कर भाजपा में आए महेंद्र सिंह मालवीय की जीत लिए भाजपा के साथ साथ आरएसएस यानि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी अपनी सारी ताकत लगा दी।

कोटा सीट पर दोस्ती से अदावत में बदली तस्वीर कैसी?

कोटा लोकसभा सीट के मुक़ाबले में भाजपा के बड़े नेता और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने उन्हीं के पुराने मित्र और काँग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनावी मैदान में प्रह्लाद मुंजाल हैं। यहाँ लड़ाई पार्टी से ऊपर उठ कर व्यक्तिगत भी हो गयी है। आरोप प्रत्यारोपों के बीच इस मुक़ाबले पर भी बड़ा मतदान दिखाई दिया है। यहाँ से पहले भी सांसद ओम बिरला (Rajasthan 2nd Phase Election Details) इसको भाजपा और खुद की जीत बता रहे हैं। जबकि ऐसी ही उम्मीद पर काँग्रेस के प्रह्लाद मुंजाल ये कहते नज़र आ रहे हैं की कोटा की जनता ने समर्थन में नहीं भाजपा के विरोध में ज्यादा मतदान किया है। कोटा सीट पर 71.42 प्रतिशत मतदान हुआ है।

वसुंधरा का दुष्यंत की जीत पर बड़ा दावा

राजस्थान में झालावाड़ – बारां सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पुत्र दुष्यंत सिंह मैदान में है। इसलिए भी ये सीट महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि पिछले 4 बार से दुष्यंत इसी सीट से चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। फिर भी इस सीट पर लड़ाई बड़ी है। यहाँ 69.03 प्रतिशत मतदान हुआ है। वसुंधरा राजे ने पहले ही इस सीट के लिए 5 लाख से अधिक वोटों से जीत की घोषणा कर दी है। जबकि काँग्रेस ने इस सीट पर ज्यादा मतदान को अपने पक्ष में बताया है।

भाजपा के लिए ज्यादा वोटिंग से राहत?

लोकसभा चुनाव में मतदान में हुई बढ़ोतरी को वैसे तो दोनों ही बड़े दल अपने पक्ष में मान रही है परंतु मोटे तौर पर काँग्रेस से ज्यादा भाजपा मजबूत नज़र आ रही है। कई सीटों पर तय जीत का दावा करने वाली भाजपा के लिए कुछ सीटों पर बड़ी मुश्किल भी खड़ी हो सकती है। दूसरी तरफ काँग्रेस इस बात पर ताल ठोक रही है कि ज्यादा मतदान उनके पक्ष में हुआ है। 2019 से भी अधिक मतदान होने पर अबकी बार हार – जीत में बड़ा बदलाव होने की संभावनाओं के साथ साथ भाजपा के स्थिर होने की भी संभावनाओं को लेकर राजनीति के गलियारे चर्चाओं से भरे पड़े हैं। ज्यादा मतदान से भाजपा सबसे अधिक आश्वस्त नज़र आ रही है।

काँग्रेस के परिपेक्ष में इन सीटों पर तय है जीत

राजस्थान में भाजपा जहां 25 की 25 सीटों को लेकर जीत तय मान रही है वहीं काँग्रेस ने भी कई सीटों को लेकर अपना मन्तव्य बताने में लगी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मतदान करने के बाद मीडिया को कहते नज़र आए की काँग्रेस राजस्थान में दो अंकों की सीटों पर जीत हासिल करने वाली है। भाजपा के लिए शुरुआत से जीत का गढ़ मानी जानी वाली सीटों में हाड़ौती की सीटों में झालावाड़ – बारां और कोटा – बूंदी सीटें हैं। परंतु इन्हीं सीटों पर काँग्रेस अपनी जीत की बात कह रही है। जहां पूरे देश भर में काँग्रेस से बड़ा तबका काँग्रेस को छोड़ कर भाजपा में आई वहीं भाजपा छोड़ कर काँग्रेस में आने वाले प्रह्लाद गुंजल जीत का बड़ा दावा कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह 5 वीं बार इसी सीट पर जीत के लिए मैदान में हैं पर यहाँ बड़ी चुनौती देने और जीत का दावा कर रही उर्मिला जैन भाया ने भी मतदान तो किया परंतु जीत को लेकर यहाँ विश्वस्त हैं।

काँग्रेस की सरकार बनाने का दावा कर रहे धारीवाल

काँग्रेस की सरकार बनाने के दावे के साथ राजस्थान की काँग्रेस – गहलोत की सरकार में पूर्व राज्य मंत्री शांति धारीवाल अपने वक्तव्य में कहते हैं कि भाजपा की सच्चाई अब जनता समझने लगी है। हिन्दू मुस्लिम जैसे मुद्दों पर बात कर रही है, परंतु विकास की बात नहीं करते हैं रोजगार की बात नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान के लिए भी धारीवाल ने कहा कि कोई कैसे ही मंगलसूत्र लेने की बात कह सकता है। 56 साल तक काँग्रेस ने देश में राज किया परंतु कभी भी किसी भी काँग्रेस के प्रधानमंत्री ने ऐसी कोई बात नहीं कही है। यहाँ पूरे देश और प्रशासन पर दबाव बना हुआ है। प्रतिशत डाउन होता है तो इसका मतलब है लोग सरकार बदलना चाहते है। कांग्रेस राजस्थान में कम से कम दस सीटें जीतेगी। इलेक्शन कमिशन की संदिग्ध भूमिका रही है। जिसकी सरकार रहती है उसके दबाव में रहता हैं। पूर्व मंत्री धारीवाल ने पूरे परिवार के साथ कोटा के सिविल लाइन में मतदान कर मीडिया से बातचीत करते हुए धारीवाल ने ये कहा कि काँग्रेस के प्रति माहौल सकारात्मक है।

प्रह्लाद गुंजल और उर्मिला जैन भाया ने कहा कि जीत है पक्की

भाजपा छोड़ कर काँग्रेस में आए राजस्थान की कोटा बूंदी लोकसभा सीट के प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल ने मतदान किया और मीडिया से बातचीत करते हुए कहते नज़र आते हैं कि उनकी जीत पक्की है। भाजपा पर आरोप लगते हुए भी दिखाई दिये और कहा कि सरकारी एजेंसियों को इस्तेमाल कर भाजपा जितना चाहती है परंतु जनता ने अपनी राय आज ईवीएम में कैद कर दी है। जनता ने भाजपा के खिलाफ गुस्से में और काँग्रेस के समर्थन में मतदान किया है। 4 जून को परिणाम जब आएगा तो भाजपा और ओम बिरला की नियत और चेहरा बेंकाब हो जाएगा। ओम बिरला उसके बाद संसद में नज़र नहीं आएंगे। जबकि शक्ति नगर में ही विश्राम – आराम करते देखे जाएंगे। वहीं झालावाड़ हॉट सीट से काँग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनावी मैदान में उतरी हुई उर्मिला जैन भाया ने मतदान देने के बाद इस सीट को काँग्रेस के खाते में डालने की बात कही। हालांकि उर्मिला जैन भाया ने बढ़ती हुई मतदान की गिनती को काँग्रेस के ही पक्ष में बताते हुए कहा कि भाजपा को हार का डर है, इसलिए बयानों की गरिमा भूल रहे हैं।

राजस्थान की 25 सीटों पर ये रहा मतदान का पूरा हाल

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों का 2024 का परिणाम तो 4 जून को ही आएगा। परंतु मतदान का प्रतिशत सामने आ गया है। इसको लेकर पिछले चुनावों के साथ तुलना भी देखना – जानना जरूरी है। इसके साथ ही इन सीटों पर पिछले परिणाम भी 3 चुनावों में किसके पक्ष में रहा वो भी यहाँ जान लीजिए…

क्र.  लोकसभा सीट    2009- जीत            2014 – जीत                2019 – जीत                       2024

1.    अजमेर           52.99% – काँग्रेस      68.69% – भाजपा          67.32% – भाजपा                  59.73%

2.   अलवर           55.54% – काँग्रेस        65.36% – भाजपा          67.17% – भाजपा                   59.79%

3.      बाड़मेर         54.47% – काँग्रेस          72.56% – भाजपा                     73.30% – भाजपा                  74.25%

4.     भीलवाड़ा      50.54% – काँग्रेस         62.92% – भाजपा                     65.64% – भाजपा                  60.67%

5.     बांसवाड़ा      52.79% – काँग्रेस          68.98% – भाजपा                     72.90% – भाजपा                  72.77%

6.    बीकानेर       41.25% – भाजपा          58.45% – भाजपा                     59.43% – भाजपा                   53.96%

7.    भरतपुर        39.02% – काँग्रेस          57.00% – भाजपा                     59.11% – भाजपा                    52.69%

8.    चित्तौड़गढ़    49.64% – काँग्रेस          64.45% – भाजपा                     72.39% – भाजपा                   68.31%

9.     चुरू          52.41% – भाजपा          64.54% – भाजपा                     65.90% – भाजपा                    62.98%

10.   जोधपुर       39.02% – काँग्रेस          62.43% – भाजपा                     68.89% – भाजपा                    63.89%

11.    जालोर        37.98% – भाजपा          59.62% – भाजपा                    65.74% – भाजपा                      62.56%

12.    जयपुर       48.26% – काँग्रेस           66.35% – भाजपा                    68.48% – भाजपा                     62.87%

13. जयपुर ग्रामीण 47.54% – काँग्रेस            59.77% – भाजपा              65.54% – भाजपा                56.58%

14. श्रीगंगानगर   60.97% – काँग्रेस            73.17% – भाजपा                     74.77% – भाजपा                      65.64%

15.    कोटा       45.53% – काँग्रेस            66.26% – भाजपा                    70.22% – भाजपा                      71.42%

16. टोंक – सवाईमाधोपुर 53.12% – काँग्रेस       61.02% – भाजपा          63.44% – भाजपा                      56.55%

17. झालावाड़ – बारां   60.29% – भाजपा       68.65% – भाजपा           71.96% – भाजपा                       69.03%

18.   पाली      42.96% – काँग्रेस           57.69% – भाजपा                    62.98% – भाजपा                      57.36%

19.   राजसमंद    39.68% – काँग्रेस           57.78% – भाजपा                    64.87% – भाजपा                      58.46%

20.   उदयपुर     48.49% – काँग्रेस           65.67% – भाजपा                    70.32% – भाजपा                      64.53%

21.   नागौर     41.03% – काँग्रेस            59.90% – भाजपा                   62.32% – भाजपा                      57.01%

22.   सीकर     48.10% – काँग्रेस            60.31% – भाजपा                    65.18% – भाजपा                      57.28%

23.   दौसा     63.95% -निर्दलीय           61.08% – भाजपा                    61.50% – भाजपा                      55.21%

24.   करौली   37.38% – काँग्रेस             54.62% – भाजपा                   55.18% – भाजपा                       49.29%

25.   झुंझुनू     42.30% – काँग्रेस             59.42% – भाजपा                   62.11% – भाजपा                       52.29%

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