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Putrada Ekadashi 2024: संतान की खुशहाली व उन्नति के लिए एकादशी के दिन करें ये उपाय

07:30 PM Jan 19, 2024 | Juhi Jha

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Putrada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी (Putrada Ekadashi 2024) व्रत को महत्वपूर्ण माना गया है। एकादशी का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिंदू ग्रंथों में एकादशी व्रत का वर्णन करते हुए बताया गया है कि एकादशी व्रत करने से साधक को हजारों यज्ञों को करने के समान फल की प्राप्ति होती है। इस बार पौष पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी को मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। वहीं इस दिन कुछ उपाय करने से संतान प्राप्ति, संतान के जीवन में खुशहाली और भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। तो आइए जानते है क्या है पौष पुत्रदा एकादशी से जुड़े उपायः –

पौष पुत्रदा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त:-

इस साल पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 21 जनवरी 2024, रविवार को रखा जाएगा। यह एकादशी व्रत साल में दो बार आता है। एक पौष माह में और दूसरा सावन माह में और दोनों ही व्रत संतान प्राप्ति के लिए काफी प्रभावशाली माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 20 जनवरी की रात 06 बजकर 26 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 21 जनवरी रात 07 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। इस वजह से एकादशी व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा। वहीं व्रत पारण का समय 22 जनवरी की प्रातरू 07 बजकर 14 मिनट से लेकर 09 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

जानें पुत्रदा एकादशी के उपाय:-

1.संतान प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन “ओम् देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः” मंत्र का 5 बार जाप करें। मान्यता है कि संतान प्राप्ति के लिए यह मंत्र बेहद शुभ और लाभदायक होता है।

2.अगर आप अपने संतान के जीवन में खुशहाली की कामना करना चाहते है तो पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान कृष्ण की आराधना करे और विधि विधान से भगवान की पूजा करें। इसे लेकर मान्यता है कि इस दिन कृष्ण भगवान की पूजा करने से संतान के जीवन में हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है।

3.अपनी घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पौष पुत्रदा एकादशी के दिन व्यक्ति को सफेद कोड़ियों की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद इन कोड़ियों को लाल कपड़े में बांध कर घर की तिजोरी या फिर पैसे रखने के स्थान पर रख दें।

4.संतान की उन्नति के लिए पौष पुत्रदा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीया जलाए और विधि विधान से विष्णु भगवान की पूजा कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे। ऐसा करने से संतान के करियर में आने वाली सभी बाधा दूर हो जाती है।

पौष पुत्रदा एकादशी महत्व:-

साधकों के लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। साल में 24 एकादशी आते है और हर एकादशी का अलग नाम व महत्व होता है। पौष माह में आने वाले इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है जो संतान के सुखए शांतिए समृद्धि और सभी प्रकार के संकटों से बचाने के लिए किया जाता हैं । इस व्रत को करने से निरूसंतान व्यक्ति की संतान पाने की मनोकामना भी पूरी होती जाती है। वहीं इस व्रत को करने से हजारों यज्ञों को करने के समान फल की प्राप्ति होती है।

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