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Pilibhit Lok Sabha: पीलीभीत सीट पर आज होगी तस्वीर साफ़!, जितिन प्रसाद के सामने चुनाव लड़ेंगे वरुण गांधी..?

Pilibhit Lok Sabha: उत्तर प्रदेश को देश की राजनीति का केंद्र माना जाता है। वैसे तो यूपी की 80 लोकसभा सीटें अपना-अपना महत्व रखती है। लेकिन इस समय देशभर में पीलीभीत सीट (Pilibhit Lok Sabha) की चर्चा सबसे अधिक हो रही है। पिछले चार दशक से इस सीट पर गांधी परिवार का दबदबा रहा है। […]

Pilibhit Lok Sabha: उत्तर प्रदेश को देश की राजनीति का केंद्र माना जाता है। वैसे तो यूपी की 80 लोकसभा सीटें अपना-अपना महत्व रखती है। लेकिन इस समय देशभर में पीलीभीत सीट (Pilibhit Lok Sabha) की चर्चा सबसे अधिक हो रही है। पिछले चार दशक से इस सीट पर गांधी परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार यहां परिस्थिति बिल्कुल अलग बन चुकी है। भाजपा ने इस सीट से वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। जबकि पिछले चुनाव में वरुण गांधी ने यहां से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। आज पीलीभीत सीट पर नामांकन का आखिरी दिन है। ऐसे में सभी की निगाहें वरुण गांधी के फैसले पर टिकी हुई है।

जितिन प्रसाद के सामने चुनाव लड़ेंगे वरुण गांधी..?

बता दें पीलीभीत सीट पर पिछले कई चुनावों से गांधी परिवार का राज रहा है। पहले इस सीट से मेनका गांधी कई बार सांसद चुनी गई थी। इसके बाद उन्होंने इस सीट से अपने बेटे वरुण गांधी को मैदान में उतारा। वरुण गांधी भी इस सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। लेकिन इस बार पार्टी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बना दिया। अब सभी की नज़र इस बात पर टिकी है कि नामांकन पत्र खरीद चुके वरुण गांधी नामांकन के आखिरी दिन जितिन प्रसाद के सामने चुनाव लड़ने का फैसला करते है या नहीं..?

वरुण गांधी बढ़ा सकते है जितिन प्रसाद की मुश्किल:

राजनीति के जानकारों की यूपी की पीलीभीत सीट पर नज़रें टिकी हुई है। कई वर्षों से इस सीट पर गांधी परिवार चुनाव लड़ता आ रहा है। ऐसे में अगर नामांकन के आखिरी दिन वरुण गांधी यहां से चुनाव लड़ने का एलान कर देंगे तो भाजपा के जितिन प्रसाद की मुश्किल बढ़ जायेगी। इससे विपक्ष को फायदा भी मिल सकता है। एक यूपी की राजनीति की समझ रखने वाले कुछ जानकारों का मानना है कि मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट देने के बाद इस बात के कयास कम है कि वरुण गांधी अब पीलीभीत से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

1989 में पहली बार जीता था चुनाव:

गांधी परिवार का पीलीभीत सीट से 35 वर्षों पुराना रिश्ता है। इस सीट से पहली बार 1989 में मेनका गांधी ने चुनाव लड़ा था। उसके बाद से गांधी परिवार यहां से कभी चुनाव नहीं हारा। पिछले चुनाव में वरुण गांधी को यहां से टिकट मिला और उन्होंने करीब 2 लाख मतों से भी ज्यादा अंतर से चुनाव जीता। पिछले कुछ सालों में वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई बार बयानबाज़ी करते नज़र आये थे। उसके बाद से पार्टी ने उनके खिलाफ चुप्पी साध रखी थी। लेकिन अब लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कटना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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