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‘आतंकवाद को खत्म करने जैसा है पेट्रोल-डीजल का इंपोर्ट रोकना’: नितिन गडकरी

केंद्रीय नितिन गडकरी जहां अपने कामों के रिपोर्ट कार्ड को लेकर चर्चा में रहते हैं. वहीं उनके बयान भी अक्सर सुर्खियां बन जाते हैं. अब उन्होंने ‘देशभक्ति’ का नया तरीका बताया है, जिसका कनेक्शन दुनिया में आतंकवाद से भी है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने मंत्रालय के कामकाज को लेकर तो […]

केंद्रीय नितिन गडकरी जहां अपने कामों के रिपोर्ट कार्ड को लेकर चर्चा में रहते हैं. वहीं उनके बयान भी अक्सर सुर्खियां बन जाते हैं. अब उन्होंने ‘देशभक्ति’ का नया तरीका बताया है, जिसका कनेक्शन दुनिया में आतंकवाद से भी है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने मंत्रालय के कामकाज को लेकर तो तारीफ बटोरते ही हैं, लेकिन उनके बयान भी मीडिया की सुर्खियां बन जाते हैं. फिर वह चाहे ससुर के घर पर बुलडोजर चलाने की बात हो या गाड़ियो में तबला-बांसुरी की धुन वाले हॉर्न फिट कराने का बयान. अब उन्होंने जहां ‘देशभक्ति’ करने का नया तरीका बताया. वहीं पेट्रोल-डीजल के इंपोर्ट को आतंकवाद से कनेक्टेड बताया.

नितिन गडकरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के कार्यक्रम ‘सागर मंथन 2.0’ में बोल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने देश के लोगों को ‘देशभक्ति’ करने का नया तरीका बताया. यहीं पर उन्होंने पेट्रोल-डीजल के आतंकवाद से कनेक्शन वाली बात कही.

पेट्रोल-डीजल के इंपोर्ट से जुड़ा है ‘आतंकवाद’

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि देश के एक्सपोर्ट को बढ़ाना और इंपोर्ट को कम करना देशभक्ति का नया रास्ता है. ये स्वदेशी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने वाला कदम होगा. भारत के लिए वो दिन ‘नई आजादी’ का होगा, जिस दिन देश को पेट्रोल और डीजल की एक बूंद भी इंपोर्ट नहीं करनी पड़ेगी. पेट्रोल-डीजल के इंपोर्ट को रोकना दुनिया में आतंकवाद को रोकने से जुड़ा हुआ है.

पीटीआई की खबर के मुताबिक गडकरी ने कहा, ‘जब तक पेट्रोल-डीजल का इंपोर्ट बंद नहीं होगा, दुनिया भर में आतंकवाद नहीं रुकेगा. मेरे जीवन का मकसद पेट्रोल और डीजल के इंपोर्ट को रोकना है. मैं उस दिन को भारत के लिए एक नई आजादी मानता हूं, जब देश में पेट्रोल और डीजल की एक बूंद भी आयात नहीं की जाएगी.”

इंपोर्ट पर खर्च होते हैं 16 लाख करोड़

नितिन गडकरी का कहना है कि देश को पेट्रोल और डीजल के इंपोर्ट पर इस समय 16 लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं. अगर देश इस इंपोर्ट को बंद करता है, तो इससे जो पैसा बचेगा वह गरीबों के पास जाएगा. यही वजह है कि मोदी सरकार ने बायो फ्यूल जैसे अल्टरनेटिव पेश किए हैं. इंपोर्ट में कमी और एक्सपोर्ट में ग्रोथ देशभक्ति का नया रास्ता है. ये स्वदेशी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता है.

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