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नवरात्रि 2022 अष्टमी पूजा: पढ़ें मां महागौरी की व्रत कथा

हिंदू पंचाग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है। इसे महा अष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जगत जन की मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी की पूजा करने से पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि में […] The post नवरात्रि 2022 अष्टमी पूजा: पढ़ें मां महागौरी की व्रत कथा appeared first on otthindi.

हिंदू पंचाग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है। इसे महा अष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जगत जन की मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी की पूजा करने से पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है।

नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है। इस वर्ष महाअष्टमी के दिन बहुत ही शुभ योग बन रहा है। जिसमें आपको देवी की पूजा का दोगुना फल मिलेगा। आइए जानते हैं महागौरी, मंत्र, भोग की पूजा कैसे करें। योग और आठवें दिन का शुभ रंग वृष राशि पर सवार मां महागौरी का रंग बहुत गोरा है, इसलिए देवी के इस रूप को महागौरी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने घोर तपस्या करके गौर वर्ण प्राप्त किया था। महागौरी दयालु, स्नेही, शांत और सौम्य स्वभाव की हैं। चतुर्भुज देवी महागौरी एक त्रिशूल और एक डमरा धारण करती हैं। अभय और वरद मुद्रा में दो भुजाएँ रहती हैं। उसे धन दो। इसे शारीरिक, मानसिक और सांसारिक तपों का नाश करने वाला माना जाता है।

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महागौरी की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की। हजारों वर्षों तक माता के अन्न जल ग्रहण नहीं करने उनका शरीरर काला पड़ गया था। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें स्वीकार किया और गंगाजल उन पर डालका उनको अत्यंत कांतिमय बना दिया। इस वजह से माता पार्वती के इस स्वरूप को महागौरी कहा गया है। मान्यता है कि माता के इस स्वरूप की विधिवत पूजा अर्चना करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है तथा घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

माता महागौरी पूजा

महा अष्टमी पर घी का दीपक जलाएं और देवी महागौरी का आह्वान करें। माँ को रोली, मोली, चावल, आम, फूल अर्पित करें। इस दिन लाल रंग की चुंडी में सिक्के और पटाश रखकर देवी को प्रसाद चढ़ाएं। इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं। नारियल से बनी मिठाइयों का सेवन करें। मंत्रों का जाप करें और अंत में महागौरी की आरती करें। बहुत से लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कारी व्रत करते हैं। संधि काल में महा अष्टमी के दिन मां दुर्गा की आराधना बहुत लाभकारी मानी जाती है।

माँ महागौरी का प्रिय भोग-फूल

माता महागौरी को नारियल चढ़ाने का बहुत शौक है। देवी का पसंदीदा फूल मोगरा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी को ये दो चीजें चढ़ाने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।

आठवें दिन का शुभ रंग

नवरात्रि के आठवें दिन महा अष्टमी को देवी गौरी की पूजा में सफेद या बैंगनी रंग शुभ माना जाता है।

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