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MUKHTAR ANSARI: मुख्तार अंसारी पर 65 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज, 2 बार उम्र कैद की थी सज़ा, जेल से जीते चुनाव…

MUKHTAR ANSARI: माफिया मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी मृत्यु हो गई। मुख्तार के खिलाफ यूपी, पंजाब और दिल्ली में गंभीर धाराओं में 65 से ज्यादा मामले दर्ज […]

MUKHTAR ANSARI: माफिया मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी मृत्यु हो गई। मुख्तार के खिलाफ यूपी, पंजाब और दिल्ली में गंभीर धाराओं में 65 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। यूपी पुलिस के मुताबिक, मुख्तार के खिलाफ डकैती, रंगदारी, अपहरण, रंगदारी और हत्या से जुड़ी धाराओं के तहत गाजीपुर, वाराणसी, चनौली, आजमगढ़, मऊ, सोनभद, लखनऊ, बाराबंकी और आगरा में केस दर्ज थे।

आठ मामलों में सुनाई गयी सजा

मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज 65 मामलों में से 21 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। मुख्तार को आठ मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई है. वह जेल में सजा काट रहा था।

मुख्तार को होने वाली सज़ा की पूरी टाइम लाइन…

21.09.2022 को लखनऊ के एक मामले में मुख्तार को सात साल कैद और 37 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई, इसी के ठीक दो दिन बाद 23 सितंबर को ही एक और सुनवाई में 5 की कैद और साथ ही 50 हज़ार का जुर्माना लगा। इसी साल के आखिरी महीने यानि दिसंबर 15 को 10 साल की कैद और 50 हज़ार का जुर्माना फिर से लगाया गया। इसके बाद भी कई मामलों पर सुनवाई चलती रही। और 29 अप्रैल को गाजीपुर कोर्ट से फैसला आया, जिसमें 10 साल की सज़ा और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया। वाराणसी कौर्ट ने आजीवन कारावास और 1 साल की सज़ा का फैसला 5 जून 2023 को सुनाया। साल 2023 में 10वें महीने की 27 तारीख को गाजीपुर कोर्ट ने 10 और 15 दिसंबर 2023 को 5 साल 6 महीने की सज़ा सुनाई गयी। इसमें क्रमशः 50 और 10 हज़ार रुपए का जुर्माना भी था। इसी साल 13 मार्च को यानि 13 मार्च 2024 को वाराणसी की एक अदालत ने फर्जी आर्म लाइसेन्स के एक मामले में आजीवन कारवास और 2 लाख के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी।

अपराध की दुनिया में रखा कदम…

मुख्तार अंसारी ने साल 1980 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। पहली बार उनका नाम मखनू सिंह गिरोह से जुड़ा था। 1990 के दशक में मुख्तार का नाम मऊ, गाज़ीपुर, वाराणसी और जौनपुर जिलों में अपराधों से जुड़ने लगा। माफिया ब्रिजेश सिंह से दुश्मनी जगजाहिर है। कोयला खनन, रेलवे निर्माण और अन्य क्षेत्रों में ठेकेदारों से पैसे वसूलने में भी अंसारी का नाम सामने आया। अपनी बदनाम छवि के बावजूद मुख्तार अंसारी ने राजनीति में कदम रखा। 1996 वह मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधान सभा सदस्य (एमएलए) चुने गए। वह बसपा से जुड़े थे।

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