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Mission to salute Patriotism- बेंगलुरु के संगीतकार की देशभक्ति को सलाम, डेढ़ लाख किमी यात्रा कर शहीदों को किया नमन

Mission to salute Patriotism-छपारा । देशभक्ति का अनोखा जज्बा और जुनून देखना हो तो आप बेंगलुरु के संगीतकार उमेश जाधव में देख सकते हैं। उन्होंने पिछले 4 सालों से एक लाख पचास हजार किलोमीटर का अकेले ही सफर किया। उन्होंने 120 शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी कलश में एकत्रित की। लक्ष्य था कि […]

Mission to salute Patriotism-छपारा । देशभक्ति का अनोखा जज्बा और जुनून देखना हो तो आप बेंगलुरु के संगीतकार उमेश जाधव में देख सकते हैं। उन्होंने पिछले 4 सालों से एक लाख पचास हजार किलोमीटर का अकेले ही सफर किया। उन्होंने 120 शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी कलश में एकत्रित की। लक्ष्य था कि वे पुलवामा में शहीदों के घर की मिट्टी से एक स्मारक बनवा सकें। अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के बाद वापस लौटते समय छपारा नगर के गणमान्य नागरिक से मुलाकात की। साथ उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान हुए खट्टे मीठे अनुभव साझा किए।

शहीदों के बलिदान को यादगार बनाने के मिशन पर निकले उमेश

देश पर अमर शहीदों के बलिदान को यादगार बनाने के लिए उमेश गोपीनाथ जाधव चार वर्ष पहले घर से निकले। अपने इस जुनून और जिद के धनी, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पैदा हुये गोपीनाथ वर्तमान में बैंगलोर शहर में रहते हैं। सारे हिंदुस्तान को अपना घर समझने वाले उमेश जाधव ने देश के लिए शहीद हुए जवानों के लिए कुछ करने की ठानी। वे 2019 में पुलवामा आतंकी हमले मे शहीद हुए चालीस जवानों की मौत की खबर सुनकर अंदर तक हिल गए थे। एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते देश की सुरक्षा की खातिर शहीद होने वाले इन जवानों के लिए कुछ करने की ठानी। साथ ही उनके परिजनों को उचित सम्मान देने के लिए इस काम की शुरुआत की। वे पूरे देश का भ्रमण करते हुए शहीदों के परिवारों से मुलाकात करके उनके आंगन की एक मुठ्ठी मिट्टी कलश में एकत्र करके लाए। बाद में उसे सेना के उच्च अधिकारी को स्मारक बनाने हेतु सौपा। अपने इस जज्बे के चलते 4 वर्षों से वे देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में घूमें ।

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शहीदों के घर की मिट्टी से पुलवामा में स्मारक बनाने की योजना

गोपीनाथ की तमन्ना है कि शहीदों के आंगन की मिट्टी से कश्मीर के पुलवामा में शहीद स्मारक बनाया जाय। इसी लिए वे अब तक 84 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके हैं। वे 120 शहीदों के घरों तक पहुंचकर उनके आंगन की मिट्टी कलश में जमा कर चुके हैं। बेंगलुरु के पेशे से संगीतकार और संगीत टीचर जाधव ने बताया कि वर्ष 2019 में पुलवामा में हुये हमले से वे हिल गए थे। उसके बाद उन शहीदों के लिए कुछ अलग करने के उद्देश्य से वे निकल पडे़। गोपीनाथ शहीदों के नाम को यादगार करने के मिशन पर निकले हैं। पहले ऐसे भारतीय जो शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्रित करने के लिए निकले हैं। उन्होंने अपनी कार में देश भर के शहीदों की यादें रखी हैं।

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