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MGNREGA Wage Rates: केंद्र सरकार ने दिया श्रमिकों को बड़ा तोहफा, मनरेगा की मजदूरी में हुई बढ़ोतरी

MGNREGA Wage Rates: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार (MGNREGA Wage Rates) ने देश के करोड़ो मजदूरों एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। मोदी सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों ​की मजदूरी में 3 से 10 फीसदी तक का इजाफा किया है। इस संंबंध में […]

MGNREGA Wage Rates: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार (MGNREGA Wage Rates) ने देश के करोड़ो मजदूरों एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। मोदी सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों ​की मजदूरी में 3 से 10 फीसदी तक का इजाफा किया है। इस संंबंध में सरकार द्वारा गुरूवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया। नई दरों के अनुसार हर राज्य में अब श्रमिकों को पहले से ज्यादा मजदूरी मिलेगी। बता दें कि सबसे ज्यादा मजदूरी दर में बढ़ोतरी गोवा में की गई है। गोवा में 10.56 फीसदी की से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।

01 अप्रैल से लागू होगी नई दरें:-

मोदी सरकार द्वारा लोकसभा से पहले वित्त वर्ष 2023-25 के लिए मजदूरी की नई दरें 01 अप्रैल से लागू की जाएगी। सरकार द्वारा जारी किए नोटिफिकेशन की बात करें तो सबसे कम दरे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जारी की गई है। दोनों जगहों पर मजदूरी के दरों में सिर्फ 3 फीसदी का ही इजाफा किया गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 7 रूपए प्रति दिन मजदूरी बढ़ाई गई है।

जानें क्या है नई दरें:-

सरकार द्वारा गोवा,कर्नाटक,उत्तर-प्रदेश ,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ ,उत्तराखंड ,अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड,राजस्थान और केरल समेत कई राज्यों में मनरेगा दरें बढ़ाई गई है। जिसमें गोवा श्रमिकों की मजदूरी बढ़कर 356 रूपये प्रतिदिन,कर्नाटक में 316 रुपये प्रतिदिन,हरियाणा, असम, मणिपुर,नागालैंड,राजस्थान, केरल,लक्षद्धीप और अरुणाचल प्रदेश में 7 फीसदी इजाफा यानी मजदूरी 285.47 रुपये प्रतिदिन,उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड में 237 रुपये, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 243 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है।

जानें क्या है मनरेगा:-

MGNREGA Wage Rates

ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा मनरेगा कार्यक्रम की शुरुआत साल 2005 में की गई थी। मनरेगा की गिनती देश के सबसे बड़े रोजगार गारंटी योजनाओं में एक मानी जाती है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा एक न्यूनतम वेतन निश्चित है और उसी वेतन पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को काम पर रखा जाता है। मनरेगा में सरकार द्वारा एक साल में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है।

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