+

Loksabha Seat Surat Congress: नामांकन रद्द होने के बाद से गायब है सूरत के काँग्रेस प्रत्यशी, APP लगा रही है ‘हत्यारे – गद्दार’ के पोस्टर

Loksabha Seat Surat Congress: सूरत, गुजरात। लोकसभा चुनाव 2024 में निर्विरोध भाजपा के खाते में आई सूरत सीट पर एक नया बवाल शुरू हो गया है, जहां आम आदमी पार्टी अब शहर भर में काँग्रेस प्रत्याशी के वांटेड के पोस्टर लगा कर आरोप लगा रही है कि वो गद्दार हैं और भाजपा में शामिल होंगे। […]

Loksabha Seat Surat Congress: सूरत, गुजरात। लोकसभा चुनाव 2024 में निर्विरोध भाजपा के खाते में आई सूरत सीट पर एक नया बवाल शुरू हो गया है, जहां आम आदमी पार्टी अब शहर भर में काँग्रेस प्रत्याशी के वांटेड के पोस्टर लगा कर आरोप लगा रही है कि वो गद्दार हैं और भाजपा में शामिल होंगे। लोकसभा चुनाव में सूरत सीट से काँग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द होने के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापिस लिया और भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए। उसके बाद से नीलेश कुंभानी पर गायब होने के आरोप लग रहे हैं।

आम आदमी पार्टी का नीलेश पर गद्दार होने का आरोप

आम आदमी पार्टी काँग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी के नामांकन रद्द होने के बाद से ही उन पर वार कर रही है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि उसके बाद से ही वो दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसी पर एक आरोप ये भी है कि ये जो भी राजनीतिक भूचाल आया है वो प्रायोजित था। जान बुझ कर ऐसा किया गया जिससे नामांकन रद्द हो और भाजपा प्रत्याशी जीत जाए। उन पर भाजपा में जाने का भी आरोप है और स्थानीय आप नेता दिनेश काछड़िया ने कहा कि नीलेश कुंभानी को भाजपा ने खरीद लिया है।

क्या लिखा है पोस्टर पर जो AAP लगा रही है?

इस पोस्टर में लोकसभा सीट सूरत से काँग्रेस के प्रत्याशी नीलेश कुंभानी की तस्वीर को राक्षस जैसा रूप देकर वांटेड लिखा गया है। इतना ही नहीं इस पोस्टर में नीलेश कुंभानी की तस्वीर के ऊपर ‘लोकतंत्र का हत्यारा’  और ‘गद्दार’ लिखा गया है। आम आदमी पार्टी नीलेश कुंभानी के गायब होने पर सवाल उठा रही है। आप का कहना है कि अगर कुछ गलत नहीं किया है तो नीलेश गायब क्यों हुए।

पूछ रहे हैं गायब होने की वजह

आम आदमी पार्टी के नेता ने गठबंधन में काँग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी पर ये आरोप लगाया है कि वो भाजपा में शामिल होंगे। नीलेश कुंभानी को भाजपा ने खरीद किया है। दिनेश काछड़िया ने ये दावा किया है कि नीलेश को 5 से 15 करोड़ रुपए दिये गए हैं जिससे वो भाजपा में शामिल हो गए हैं। आम आदमी पार्टी का आक्रोश सड़कों पर पोस्टर के रूप में निकाल रहा है। नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द होने के बाद से ही ना तो घर पर हैं और ना ही कार्यालय में। इसके अलावा उनका फोन बंद होने की भी बात कही जा रही है।

ये भी पढ़ें : Gyanvapi Case Judge Diwakar: ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाने वाले जज को फोन पर मिल रही जान से मारने की धमकी…

Whatsapp share
facebook twitter