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Loksabha Election 2024: पहली सभा में आधा दर्जन से ज्यादा सीटों को साध गए मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में अपनी पहली चुनावी सभा में पूर्वी राजस्थान को साधने की कोशिश की। सभा भले ही कोटपूतली में हुई और मंच पर सिर्फ जयपुर ग्रामीण सीट के प्रत्याशी राव राजेंद्र सिंह ही मौजूद थे, लेकिन निशाना आसपास की आधा दर्जन सीटों पर भी रहा। इन सीटों पर प्रभावी तीन जातियों […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में अपनी पहली चुनावी सभा में पूर्वी राजस्थान को साधने की कोशिश की। सभा भले ही कोटपूतली में हुई और मंच पर सिर्फ जयपुर ग्रामीण सीट के प्रत्याशी राव राजेंद्र सिंह ही मौजूद थे, लेकिन निशाना आसपास की आधा दर्जन सीटों पर भी रहा। इन सीटों पर प्रभावी तीन जातियों को भी मोदी ने साधने की कोशिश की। इन सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है।

गुर्जर, जाट और यादवों पर नजर

मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत राम-राम सा के संबोधन से की लेकिन साथ ही गुर्जरों के आराध्य देवनारायण भगवान और जाटों के आराध्य तेजाजी महाराज को नमन करना भी नहीं भूले। साथ ही शीतला माता, शिला माता, जमवाय माता और मनसा माता की भी प्रणाम किया। इन दोनों वर्गों का बड़ा वोट सिर्फ जयपुर ग्रामीण सीट पर ही नहीं है बल्कि पहले चरण की अलवर, सीकर, दौसा, धौलपुर, भरतपुर और नागौर सीटों में भी है। अलवर, कोटपूतली में यादव वोटों की बड़ी संख्या है। यही वे सीटें हैं जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा के मुकाबले अच्छी स्थिति में रही थी। सचिन पायलट का पूर्वी राजस्थान में अच्छा प्रभाव है। जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चोपड़ा भी पायलट समर्थक हैं।

कोटपूतली को ही क्यों चुना

कोटपूतली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि एक साथ तीन लोकसभा सीटों को टच करता है। कोटपूतली जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में आता है लेकिन इसकी सीमाएं अलवर औऱ सीकर लोकसभा क्षेत्रों को भी टच करती है। इसके साथ ही जयपुर और झुंझुनूं की दूरी भी ज्यादा नहीं है। प्रधानमंत्री ने तोरावाटी का जिक्र कर सीकर, भरतपुर और धौलपुर को भी कनेक्ट करने की कोशिश की।

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चार बार पहले भी आए पर भाषण नहीं हुआ

लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की यह पहली सभा है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में मोदी ने 23 नवंबर को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राजसमंद के देवगढ़ में आखिरी सभा की थी। उसके बाद मोदी चार बार राजस्थान आए। पहले भजनलाल सरकार के शपथग्रहण समारोह में, दूसरी बार पुलिस कांफ्रेंस में, तीसरी बार फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ जयपुर यात्रा और चौथी बार पोकरण में युद्ध अभ्यास देखने। चारों बार कोई जनसभा नहीं थी। भाषण का मौका तो विधानसभा चुनाव के बाद अब ही बना है।

विधानसभा से कितना बदल गया मोदी का भाषण

विधानसभा चुनाव की तुलना में मोदी का फोकस इस बार अपनी सरकार के कामकाज पर शिफ्ट हो गया। विधानसभा चुनाव में उन्होंने पेपरलीक, गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार जैसे मुद्दे जमकर उठाए थे। इस बार मोदी ने भ्रष्टाचार का जिक्र किया, लेकिन निशाना इंडिया गठबंधन पर साधा। बोले, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई रोकने के लिए रैलियां की जा रही है। परिवारवाद पर भी बोले, लेकिन निशाना गहलोत नहीं थे। आरोपों के बजाए प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि, वन नेशन वन राशनकार्ड, पेंशन योजना, मुफ्त राशन, पीएम आवास योजना जनधन खाते जैसी अपनी सरकार की दर्जन भर योजनाओं का जिक्र किया।

अगला कार्यकाल ऐतिहासिक रहेगा

2024 के चुनाव में अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की झलक भी दिखा दी। धारा 370, राममंदिर निर्माण, तीन तलाक, वन रेंक वन पेंशन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 10 साल जो हुआ वह तो ट्रेलर था, अभी बहुत कुछ करना है। बीजेपी सरकार का अगला कार्यकाल ऐतिहासिक और निर्णायक फैसलों का कार्यकाल होने वाला है।

जयपुर ग्रामीण सीट पर भाजपा की किलेबंदी

परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर पहले चुनाव में कांग्रेस के लालचंद कटारिया जीते थे। इसके बाद 2014 और 2019 में राज्यवर्धन सिह राठौड़ जीते। राज्यवर्धन को भाजपा ने झोटवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा था और वे अब राज्य सरकार में मंत्री हैं। लालचंद कटारिया पिछली गहलोत सरकार में मंत्री और झोटवाड़ा से विधायक थे लेकिन अब वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जयपुर ग्रामीण की 8 विधानसभा सीटों में से 5 भाजपा औऱ 3 कांग्रेस के पास है। भाजपा ने कोटपूतली, विराटनगर, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़ और बानसूर जीती थीं, जबकि शाहपुरा, फुलेरा और आमेर पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। इनमें से कोटपूतली और झोटवाड़ा न सिर्फ भाजपा ने कांग्रेस से छीनी बल्कि दोनों सीटों से पिछली बार के कांग्रेस विधायक भी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

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