+

Loksabha Election 2024 : चुनाव प्रचार थमा, लेकिन सोशल मीडिया पर जारी है, क्यों नहीं इस पर आयोग का कंट्रोल ? जानिए

Loksabha Election 2024 : जयपुर। इस बार लोकसभा के चुनाव में डिजिटल और ‘सोशल मीडिया’ को उम्मीदवार ज्यादा महत्व देते नजर आ रहे है। इसी कड़ी में ‘वाट्सएप’, ‘फेसबुक’ समेत विविध माध्यमों के जरिये प्रचार करने पर जोर दिया जा रहा है। उम्मीदवारों के ‘सोशल मीडिया’ प्रचार पर पैनी नजर रखने का दावा चुनाव आयोग […]

Loksabha Election 2024 : जयपुर। इस बार लोकसभा के चुनाव में डिजिटल और ‘सोशल मीडिया’ को उम्मीदवार ज्यादा महत्व देते नजर आ रहे है। इसी कड़ी में ‘वाट्सएप’, ‘फेसबुक’ समेत विविध माध्यमों के जरिये प्रचार करने पर जोर दिया जा रहा है। उम्मीदवारों के ‘सोशल मीडिया’ प्रचार पर पैनी नजर रखने का दावा चुनाव आयोग ने किया है। लेकिन प्रत्यक्ष में वाट्सएप्प जैसे ‘एप’ के प्रचार पर नजर रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था ही उपलब्ध नहीं होने से पहले चरण का प्रचार खत्म होने के बाद मतदान तक नियमों का उल्लंघन करते हुए ‘सोशल मीडिया’ पर प्रचार की धूम मची हुई है। अब सवाल उठ रहा है कि इस तरह के प्रचार पर आयोग कैसे ध्यान रखेगा?

कम खर्च में ज्यादा लोगों तक पहुंच का माध्यम

विविध वेबसाइटों समेत ‘वाट्सएप’ और सोशल मीडिया पर सबसे अधिक प्रचार होता नजर आ रहा है। इस माध्यम से एक साथ कम खर्च में ज्यादा लोगों तक पहुंचना संभव होने से अनेक उम्मीदवारों की प्रचार व्यवस्था संभाल रहे लोग इस पर जोर दे रहे हैं। उम्मीदवारों के ‘सोशल मीडिया हैंडलर’ और कार्यकर्ताओं की तरफ से विविध ‘ग्रुप’ बनाए गए हैं. इसके जरिये हर रोज शहर के लाखों लोगों तक विविध ‘ग्रुप्स’ के माध्यम से संदेश पहुंच रहे हैं।

यह भी पढ़ें : Voting Leave Rule: वोटिंग के लिए ऑफिस से छुट्टी या हाफ डे मिल सकती है या नहीं? जानें इससे जुड़ा क्या कहता है नियम

‘वाट्सएप्प’ के संदेशों की पड़ताल असंभव

‘फेसबुक’, ‘द्विटर’ आदि की पोस्ट देखना संभव होता है। लेकिन ‘वाट्सएप’ के संदेश देखना असंभव है। ‘वाट्सएप’ के व्यक्तिगत संदेश ‘एन्ड टू एन्ड एनक्रिप्शन’ के जरिए सुरक्षित किए जाते हैं। मतलब संदेश भेजने वाला और जिस नंबर पर संदेश जा रहा है, दोनों के अलावा अन्य व्यक्ति यह संदेश देख नहीं सकते। इसी प्रकार एक उम्मीदवार के नाम से अनेक ‘सीमकार्ड’ और स्मार्टफोन होने पर एक साथ अनेक ‘वाट्सएप ग्रुप’ वह बना सकता है। ऐसी स्थिति में मतदान के दिन प्रचार जारी होने पर भी उसको ‘ट्रैक’ नहीं किया जा सकेगा। किसी ‘ग्रुप’ पर संदेश आने और संबंधित व्यक्ति का नंबर उसमें शामिल होने पर पता चल सकता है कि संदेश किसने भेजा है। लेकिन प्रत्यक्ष व्यक्तिगत नंबरों का ‘ट्रैकिंग’ करना असंभव है। संदेशों की पड़ताल करना कठिन समस्या है। इसी प्रकार उम्मीदवारों के कार्यकर्ता, प्रचार व्यवस्था के मद्देनजर प्रत्येक के मोबाइल के ‘वाट्सएप’ की पड़ताल असंभव मानी जा रही है। ‘वाट्सएप’ के संदेशों के आदान-प्रदान पर नजर रखने की व्यवस्था चुनाव आयोग के पास नहीं है।

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 Rajasthan : नदारद रहे पहले चरण में पार्टियों के कई स्टार प्रचारक, क्या दूसरे चरण से पहले आएंगे नजर ?

कार्यकर्ता और परिजन बने माध्यम

प्रचार की अवधि खत्म होने के बाद सभा, रैली, पत्रक वितरण आदि का प्रचार बंद हो गया। उम्मीदवारों के मोबाइल से भी प्रचार का कोई संदेश नहीं जाएगा। लेकिन प्रचार व्यवस्था, कार्यकर्ता और परिजन के माध्यम से ‘वाट्सएप’ पर प्रचार की धूम जारी रहने की आशंका व्यक्त की गई है।

Whatsapp share
facebook twitter