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UP Lok Sabha Election 2024: अखिलेश को बड़ा झटका देने की तैयारी में ओवैसी!, पल्लवी पटेल की पार्टी से किया गठबंधन

08:47 PM Apr 01, 2024 | surya soni

UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। भाजपा के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी का ही सबसे अधिक दबदबा देखने को मिल रहा है। फिलहाल यूपी में जो राजनीतिक हालात बन रहे है वो अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा सकते है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि क्योंकि उत्तर प्रदेश (UP Lok Sabha Election 2024) में इस बार थर्ड फ्रंट भी पुरजोर ताकत झोंकता दिखाई दे रहा है। असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल की पार्टी का लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो गया है। इससे कई सीटों पर अखिलेश यादव की सपा को परेशानी हो सकती है।

अखिलेश को बड़ा झटका देने की तैयारी में ओवैसी..?

यूपी की राजनीति हर दिन नया रंग बदल रही है। इस बार माना जा रहा था कि NDA और सपा-कांग्रेस गठबंधन में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन अब धीरे-धीरे परिस्थिति कुछ अलग बनती जा रही है। पहले मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया था। जो विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना गया। अब असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल की पार्टी के गठबंधन से अखिलेश यादव को झटका लगा है। राजनीति के जानकारों के अनुसार पल्लवी पटेल की अपना दल (कमेरावादी) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर इंडिया गठबंधन के लिए खतरा साबित हो सकती है।

अखिलेश से अलग हुए मौर्य-पटेल:

बता दें विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की ताकत के रूप में नज़र आये स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल अब उनसे नाता तोड़ चुके है। ऐसे में अब असदुद्दीन ओवैसी भी अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बनते दिखाई दे रहे है। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले पिछड़े, दलित और मुस्लिम वोटों को अपनी ताकत के रूप में बताया था। लेकिन अब ये तय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य, पल्लवी पटेल और ओवैसी से यूपी में इंडिया गठबंधन को नुकसान पहुंच सकता है।

छोटी-छोटी पार्टियां देगी बड़ा झटका:

यूपी की सियासत को समझना इतना आसान नहीं है। यहां हर क्षेत्र में अलग-अलग पार्टियों का जाति के अनुसार दबदबा देखने को मिलता है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से यूपी में इंडिया गठबंधन को मुस्लिम वोटों के खिसकने का भय है। वहीं पल्लवी पटेल के कारण कुर्मी और चंद्रशेखर रावण की वजह से दलित वोट भी इधर-उधर होना तय माना जा रहा है। फिलहाल यूपी में पहले चरण के मतदान में 18 दिन शेष हैं, ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन किस तरह अपने परंपरागत वोटों पर प्रभाव डालेंगे।

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