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हार का डर..? या मोदी मैजिक!, आखिर क्यों विपक्ष के कई उम्मीदवार टिकट मिलने के बाद मैदान से हटे..?

02:31 PM Mar 28, 2024 | surya soni

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। सभी राजनीतिक दल अपने जीत के समीकरण का जोड़-तोड़ लगा रहे हैं। इसके साथ ही पार्टियां अपने जिताऊ कैंडिडेट को मैदान में उतार रही है। जहां NDA इस बार 400 पार के मिशन के साथ मैदान में उतरी है, वहीं विपक्ष गठबंधन (Lok Sabha Election 2024) सत्ता वापसी के लिए पुरजोर ताकत लगा रहा है। लेकिन विपक्ष के लिए इस बार भी परिस्थिति में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। विपक्ष गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का हाल एक बार फिर बेहाल नज़र आ रहा है। कांग्रेस के उम्मीदवार नाम की घोषणा के बाद चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं।

हार का डर..? या मोदी मैजिक!

ताजा वाक्या राजस्थान से सामने आया है। यहां कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने टिकट मिलने के बाद चुनाव ना लड़ने की बात कांग्रेस पार्टी के सामने रख दी। जहां राजनीति में नेता दिन-रात मेहनत करके टिकट के जुगाड़ में लगते हैं वहीं राजनीति के इस दौर में टिकट मिलने के बाद उम्मीदवार चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं। राजनीति के जानकर इसके पीछे या तो हार का भय कारण मान रहे हैं या फिर मोदी मैजिक.. राजस्थान का यह मामला पहला नहीं हैं, इससे पहले भी कई बार ऐसा सामने आ चुका है।

विपक्ष में नहीं बन पाई एकता..?

पिछले काफी समय से सभी विपक्षी दल एक मंच पर नज़र आए। उन सब ने मिलकर NDA से मुकाबले की बात भी कहीं। लेकिन जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आया तो विपक्षी गठबंधन में बिखराव होता गया। कई जगह सीट शेयरिंग को लेकर मामला बिगड़ा तो कहीं प्रत्याशी को लेकर एकजुटता नहीं बन पाई। कहीं जगह की स्थिति तो समझ से ही परे हो गई। जहां वायनाड में लेफ्ट ने राहुल गांधी के सामने अपना उम्मीदवार उतार दिया और राजस्थान की सीकर सीट पर कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया।

बीजेपी में टिकट की मारामारी:

दूसरी तरफ बीजेपी की बात करें तो यहां टिकट पाने के लिए नेता पूरी जोड़तोड़ कर रहे हैं। बीजेपी में टिकट पाने के लिए नेताओं की लंबी-लंबी लिस्ट सामने आ रही हैं। बीजेपी के उम्मीदवार एक बार फिर मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इस चुनाव में बीजेपी एक बार फिर मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रही हैं। जबकि विपक्ष के पास अब बस राहुल गांधी के रूप में बड़ा चेहरा नज़र रहा हैं।

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