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Lok Sabha Election 2024: Chhindwara Seat:छिंदवाड़ा में कमलनाथ को जोर का झटका, करीबी दीपक सक्सेना ने भाजपा का थामा दामन

Lok Sabha Election 2024: Chhindwara छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश की सियासत के माहिर खिलाड़ी कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आए दिन कमलनाथ को जोरदार झटके लग रहे हैं। इस बार उनके बेहद करीबी रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना ने उन्हें करारा झटका दिया है। दीपक सक्सेना ने कमलनाथ का हाथ छोड़कर कमल […]

Lok Sabha Election 2024: Chhindwara छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश की सियासत के माहिर खिलाड़ी कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आए दिन कमलनाथ को जोरदार झटके लग रहे हैं। इस बार उनके बेहद करीबी रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना ने उन्हें करारा झटका दिया है। दीपक सक्सेना ने कमलनाथ का हाथ छोड़कर कमल का दामन थाम लिया है।

 दीपक सक्सेना ने लिए छोड़ी दी थी अपनी सीट

दरअसल मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा  कमलनाथ का गढ़ माना जा रहा है। लेकिन जिस तरह से उनके करीबी नेता साथ छोड़ रहे हैं , उससे लगता है कि कमलनाथ का किला धीरे-धीरे कमजोर होते जा रहा है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में दीपक सक्सेना छिंदवाड़ा से विधायक चुने गए थे। उस समय कमलनाथ छिंदवाड़ा से  सांसद थे। लेकिन राजनीति का खेल बदला। कमलनाथ मुख्यमंत्री चुने गए। तब नियमों के हिसाब से 6 महीने के भीतर कमलनाथ को सांसदी छोड़कर विधानसभा की सदस्यता लेनी थी। ऐसे में दीपक सक्सेना ने कमलनाथ का साथ दिया और छंदवाड़ा की सीट कमलनाथ के लिए खाली कर दी। उस समय कमलनाथ यहां से उप चुनाव मे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

छिंदवाड़ा में अपनी कास अहमियत रखते हैं दीपक सक्सेना

बताते चले कि दीपक सक्सेना छिंदवाड़ा से सात बार चुनाव लड़ चुके हैं। दीपक सक्सेना चार बार विधायक बने और दो बार कैबिनेट मंत्री बने। दीपक सक्सेना 1974 से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे हैं। इसके अलावा वे  कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष भी रहे। कमलनाथ ने उन्हें अपना विधायक प्रतिनिधि भी बनाया ता। यह सभी जानते हैं कि छिंदवाड़ा में दीपक सक्सेना की जनता के बीच अच्छी पकड़ है। वे लोकप्रिय नेता हैं और कार्यकर्ताओं में उनकी अच्छी पहचान है। खास बात है कि दीपक सक्सेना आज भ गांव में रहते हैं। शहर में उन्होंने घर नहीं बनाया है। ऐसे में जमीन सु जुड़े एक कद्दावर नेता का पार्टी छोड़कर जाना कमलनाथ के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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भाजपा लगातार लगारही है कि कमलनाथ के किले में सेंध

गौरतलब है कि दीपक सक्सेना के  छोटे बेटे अजय सक्सेना ने हाल ही में भोपाल जाकर भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि बड़े बेटे जयशंकर अभी कांग्रेस में बने हुए हैं। यहां जानना जरूरी है कि दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय सक्सेना के भाजपा में जाते ही भाजपा ने उन्हें सर आंखों पर बैठाया। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उनके घर गए और साथ में भोजन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गी और प्रह्लाद पटेल, भी मौजूद थे।

तो कहना नहीं होगा कि दीपक सक्सेना के कमलनाथ का साथ छोड़ने से उनको और कांग्रेस को कितना बड़ा झटका लगा है। उधर भाजपा  कमलनाथ के किले में लगातारसेंध लगा रही है। ऐसे में लगता है कि कमलनाथ का किला जल्दी ही ढ़ह जाएगा। हालांकि कमलनाथ भी सियासत के मंझे हुए किलाड़ी हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ सियासत के चौपड़ पर कौन सी गोटी खेलते हैं।

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