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Rajasthan Election Result : कन्हैयालाल की हत्या का मामला, संतों को टिकट, बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड ने ऐसे दी गहलोत की गारंटी…

Rajasthan Election Result : आज राजस्थान में सत्ता की किस्मत और तस्वीर साफ हो गई है। यहां विधानसभा चुनाव में एक बार फिर परंपरा कायम रही और सत्तारूढ़ दल को पांच साल बाद सत्ता गंवानी पड़ी। राज्य चुनाव नतीजों में बीजेपी 100 सीटों के जादुई आंकड़े को पार कर चुकी है, जबकि कांग्रेस 70 सीटों […]

Rajasthan Election Result : आज राजस्थान में सत्ता की किस्मत और तस्वीर साफ हो गई है। यहां विधानसभा चुनाव में एक बार फिर परंपरा कायम रही और सत्तारूढ़ दल को पांच साल बाद सत्ता गंवानी पड़ी। राज्य चुनाव नतीजों में बीजेपी 100 सीटों के जादुई आंकड़े को पार कर चुकी है, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर अटकी हुई है। अब चुनाव नतीजों के साथ-साथ राज्य में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के कारणों पर भी चर्चा हो रही है। इनमें से एक मुद्दा ध्रुवीकरण का है, जो विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election Result) प्रचार पर हावी है। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे राजस्थान की लड़ाई ध्रुवीकरण पर हावी रही।

साधु सैंटोस को टिकट

राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस चुनाव से पहले अपनी गारंटी के बारे में मुखर थी। इसने अपने प्रचार के तहत 500 रुपये की किफायती कीमत पर सिलेंडर, चिरंजीवी योजना के तहत इलाज और महिलाओं के लिए मुफ्त मोबाइल फोन उपलब्ध कराए। वहीं, बदले में भाजपा ने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ध्रुवीकरण करने की दिशा में भी काम किया।
इसी कड़ी में बीजेपी ने सबसे पहले साधु-संतों को मैदान में उतारकर हिंदुत्व का कार्ड खेला। दिलचस्प बात यह है कि जिन सीटों पर संतों ने चुनाव लड़ा, वहां मतदान अच्छा रहा। इस बार राजस्थान में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है, जो तीन दशक में पहली बार है। पिछले विधानसभा चुनाव में यूनुस खान एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार थे जिन्होंने टोंक सीट पर कांग्रेस के सचिन पायलट के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, इस बार पार्टी ने न तो यूनुस खान को टिकट दिया और न ही किसी नए मुस्लिम चेहरे को मैदान में उतारा। यूनुस ने बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और चुनाव जीत (Rajasthan Election Result) गये।

इसके साथ ही पार्टी ने तीन मुस्लिम बहुल सीटों पर संतों को मैदान में उतारा है। तिजारा सीट पर बीजेपी ने अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारकर समीकरण बिठाने की कोशिश की है। बाबा बालकनाथ नाथ संप्रदाय से हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी संप्रदाय से हैं। इसीलिए योगी बालकनाथ का नामांकन भरने भी पहुंचे।
कांग्रेस ने इमरान खान को मैदान में उतारा जिन्हें बाबा बालकनाथ के हाथों हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने जयपुर शहर की मुस्लिम बाहुल्य सीट हवामहल से महंत बालमुकुंदाचार्य को टिकट दिया। उनके सामने मैदान में थे जयपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी। इस चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। वहीं, जैसलमेर जिले की पोकरण सीट पर बीजेपी ने महंत प्रतापपुरी और कांग्रेस ने मंत्री सालेह मोहम्मद को टिकट दिया है। पिछली बार भी ये दोनों प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस बार महंत प्रतापपुरी ने जीत हासिल की है।

चुनाव प्रचार में कन्हैया लाल का मुद्दा बार-बार उठाया गया

पिछले साल जून में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की दो लोगों ने हत्या कर दी थी। पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करने पर कन्हैया की हत्या कर दी गई थी। हादसा इतना भयावह था कि हमलावरों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। हमलावर उनकी हत्या करने से पहले ग्राहक बनकर उनकी दुकान में घुसे थे। वैसे तो ये घटना जून 2022 में हुई थी लेकिन इसका मुद्दा अक्टूबर-नवंबर 2023 में खूब उछला था। पीएम (Rajasthan Election Result) ने कई रैलियों में उदयपुर के कन्हाई लाल टेलर हत्याकांड का जिक्र करते हुए कांग्रेस सरकार पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लगभग हर क्षेत्र में इस मुद्दे को उठाया।

जुलूसों पर हमले को भी मुद्दा बनाया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने हाल ही में राजस्थान में कई जगहों पर जुलूसों पर पथराव का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने एक सभा में आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब से यहां कांग्रेस की सरकार बनी है, हर तीज-त्योहार पर राजस्थान में दंगे होते हैं। एक तरह से राजस्थान में हर साल कोई न कोई बड़ा तूफान आता ही रहता है। मैं छोटे-मोटे दंगों की बात नहीं कर रहा हूं। मैं बात कर रहा हूं उन बड़े दंगों की जिसने देश को झकझोर कर रख दिया। अक्टूबर 2019 में टोंक में एक बड़ा दंगा हुआ, 2020 में डूंगरपुर में एक बड़ा दंगा हुआ, 2021 में झालावाड़ और बारां में दो बड़े दंगे हुए और फिर 2022 में जब कांग्रेस ने (Rajasthan Election Result) जोधपुर और करौली को दंगों में झोंक दिया।

पीएम ने अपने बयान में कहा कि क्या आप लोग भूल सकते हैं कि पिछले साल नए साल के जुलूस के दौरान करौली में क्या हुआ था? यहां पथराव से कई लोग लहूलुहान और घायल हो गये, कई लोगों के कारोबार बर्बाद हो गये। कहीं परशुराम जयंती पर हमला, कहीं नये साल के जुलूस पर हमला तो कहीं दशहरा जुलूस पर हमला। ये हमले रुकते क्यों नहीं भाई? ये हमले रुकते नहीं हैं क्योंकि आरोपी दंगाई मुख्यमंत्री (Rajasthan Election Result) के आवास पर पार्टियां देते हैं। अगर कांग्रेस अपराधियों का स्वागत करती है, तो क्या वह आपकी रक्षा कर सकती है?

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