GANGSTER MUKHTAR ANSARI: बांदा। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और ताकतवर नेता मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। बांदा जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार की तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां मुख्तार की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मुख्तार पिछले कई दिनों से बीमार थे जिसके चलते उन्हें पहले अस्पताल लाया गया था। मुख्तार के खिलाफ कई बड़े आपराधिक मामले हैं। जब मुख्तार की राजनीतिक ताकत चरम पर थी, तब कई पुलिस अधिकारी भी उससे परेशान थे।
मुख्तार का साम्राज्य
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत पर पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 20 साल पहले 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था। वह उन इलाकों में खुली जीप में यात्रा करते थे जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। उस समय मैंने लाइट मशीन गन बरामद की, उसके पहले या बाद में कोई बरामदगी नहीं हुई। मैंने मुख्तार पर पोटा भी लगाया। लेकिन मुलायम सरकार इसे किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी।
15 दिन के अंदर इस्तीफा देने को मजबूर
पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि मुलायम सरकार ने अफसरों पर दबाव बनाया, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया। मुझे भी 15 दिन के अंदर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखकर जनता के सामने रख दिया है कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना है, जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है।
मायावती ने की जांच की मांग
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जांच जरूरी है ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।