+

Student Suicide Kota: नीट तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने की आत्महत्या, हॉस्टल में लगाई फांसी, फोन नहीं उठाया तो घरवालों को हुआ अनहोनी का शक

Crime Kota: कोटा। कोचिंग सिटी के रूप में विख्यात कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड के प्रकरण रुकने का नाम ही नहीं के रहे हैं। रविवार रात को भी एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। जिससे कोचिंग सिटी में शोक की लहर फैल गई। स्टूडेंट सुमित का शव एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। […]

Crime Kota: कोटा। कोचिंग सिटी के रूप में विख्यात कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड के प्रकरण रुकने का नाम ही नहीं के रहे हैं। रविवार रात को भी एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। जिससे कोचिंग सिटी में शोक की लहर फैल गई। स्टूडेंट सुमित का शव एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

नीट का स्टूडेंट था रोहतक का सुमित

सुसाइड करने वाला स्टूडेंट सुमित हरियाणा के रोहतक का निवासी था। वो यहां लैंडमार्क सिटी के उत्तम रेजीडेंसी नामक हॉस्टल में रहकर नीट एग्जाम की तैयारी में जुटा था। पढ़ाई में सुमित काफी होशियार था।

फोन नहीं उठाया तो परिजनों को अनहोनी का हुआ शक

स्टूडेंट सुमित (20) रविवार शाम को कमरे में गया था। जिसके बाद वह बाहर नहीं निकला। युवक के परिजनों ने काफी फोन किए, लेकिन जब फोन रिसीव नहीं हुआ तो परिजनों को अनहोनी का शक हुआ। उन्होंने हॉस्टल वार्डन को कॉल किया। वार्डन ने जाकर स्टूडेंट का रूम काफी बार खटकाया, लेकिन जब रूम नहीं खुला तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजे को तोड़कर अंदर देखा तो युवक फंदे से लटका मिला। युवक को उतार कर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है।

हॉस्टल में नहीं हैंगिंग डिवाइस

पुलिस ने मौका मुआयना किया है। जिसमें सामने आया कि हॉस्टल में प्रशासन की ओर से जारी गाइड लाइन की पालना नहीं की जा रही। गाइड लाइन के मुताबिक हॉस्टल में हैंगिंग डिवाइस नहीं लगाई हुई है। जिला प्रशासन अब हॉस्टल संचालक पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करेगा।

यह भी पढ़ें : Farmer’s wrestler daughter won bronze: भीलवाड़ा के किसान की रेसलर बेटी ने बढ़ाया मान, राष्ट्रीय मुकाबले में जीता कांस्य

अब तक सात स्टूडेंट कर चुके सुसाइड

कोचिंग सिटी के रूप में ख्यात हुआ कोटा का नाम अब सुसाइड सिटी के रूप में लिया जाने लगा है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2024 का अप्रैल माह ही बीतने को है, लेकिन अभी केवल चार माह के भीतर ही सात स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं। प्रशासन आत्महत्याओं के प्रकरण रुकने के लिए काफी प्रयास कर चुका है। लेकिन लगातार प्रकरण बढ़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें : Cleanliness drive in Sariska Sanctuary :  सरिस्का में सफाई, सांभर की मौत के बाद टाइगर रिजर्व एरिया से हटाया गया प्लास्टिक कचरा

मानसिक रूप से कमजोर हो रहे युवा

आजकल स्टूडेंट मानसिक दबाव को झेल नहीं पा रहे हैं। माता पिता की अपेक्षा बच्चे से अधिक हो गई है। अन्य होशियार बच्चों से तुलना और हर बच्चे को डॉक्टर, अधिकारी बनते देखने की परिजनों की चाहत ने भी बच्चों की मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाला है। कई कई घंटे पढ़ाई और नींद पूरी न होने से भी स्टूडेंट बीपी के शिकार हो कर गुस्से में गलत कदम उठा रहे हैं। हालांकि प्रशासन इसको लेकर कोचिंगों और हॉस्टलों में काउंसलिंग भी करवा रहा है। समय समय पर स्टूडेंट्स का मेडिकल चेकअप भी होता है। वहीं मोटिवेशनल सेमिनार सहित अन्य कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी सुसाइड प्रकरण कम होने का नाम ही नहीं के रहे।

Whatsapp share
facebook twitter