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Child Swallowed Bottle Cap Karauli Rajasthan: खेल-खेल में अटकीं बच्चे की सांसें, कहीं आप तो नहीं करते ऐसी लापरवाही?

Child Swallowed Bottle Cap Karauli Rajasthan: करौली। घर में छोटे बच्चों की देखभाल करना किसी टास्क को खतम करने से कम नहीं होता है। बच्चे तो होते ही शैतान हैं, लेकिन उनकी नादानियां कई बार पैरेंट्स पर काफी भारी पड़ जाती है। छोटी सी लापरवाही भी बच्चे की जान के लिए जोखिम बन जाती है। […]

Child Swallowed Bottle Cap Karauli Rajasthan: करौली। घर में छोटे बच्चों की देखभाल करना किसी टास्क को खतम करने से कम नहीं होता है। बच्चे तो होते ही शैतान हैं, लेकिन उनकी नादानियां कई बार पैरेंट्स पर काफी भारी पड़ जाती है। छोटी सी लापरवाही भी बच्चे की जान के लिए जोखिम बन जाती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के कैलादेवी से सामने आया है, जहां खेल- खेल में दो साल के बच्चे की सांसें अटक गईं, गनीमत रही कि बच्चे के माता-पिता समय पर हॉस्पिटल पहुंचे और डॉक्टर ने तुरंत ऑपरेशन कर बच्चे को बचा लिया।

खेलते- खेलते निगला ढक्कन

बच्चे खेलते वक्त क्या कर रहे हैं, हमें इस बात का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है। करौली में एक बड़ी घटना होते-होते बच गई, जहां दो साल का बच्चा घर पर पानी की बोतल से खेल रहा था। खेल- खेल में बोतल का ढक्कन खुल गया और बच्चे ने उसे मुंह रख लिया। ढक्कन का साइज बड़ा होने से वह मासूम के गले में फंस गया। इससे बच्चे को सांस लेने में काफी परेशानी हुई। मासूम सांस नहीं लेने की वजह से फड़फड़ाने लगा। पेरेंट्स की नजर जब बच्चे पर गई तो वे घबरा गए और पीठ पर थपकी मारकर ढक्कर को निकालने की कोशिश करने लगे। लेकिन जब मामला हाथ से निकलने लगा तो वे जल्दी ही केलादेवी में नजदीकी हॉस्पिटल में बच्चे को लेकर पहुंचे। अस्पताल में सुविधा नहीं होने के कारण मासूम को करौली शिफ्ट किया गया।

सांस उखड़ती देख पहुंचे अस्पताल

बच्चे के माता-पिता कुछ समझ पाते, उससे पहले बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मासूम के मुंह से खून निकलता देख परिजन बुरी तरह घबरा गए। वे जल्दी ही करौली हॉस्पिटल पहुंचे, जहां मामले को गंभीरता से देखते हुए ईएनटी एक्सपर्ट डॉ. मनीष शर्मा ने तत्काल ऑपरेशन के लिए कहा। बच्चे को तुरंत माइनर ओटी में ले जाया गया और ऑपरेशन करके ढक्कर को बाहर निकाला। फिलहाल बच्चा अब स्वस्थ है। डॉक्टर ने भी जब परिजनों को बच्चे की हालत की जानकारी दी तब परिवार वालों की जान में जान आई। अगर कुछ देर हो जाती, तो बच्चे की जान चली जाती।

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बच्चे पर रखें खास ध्यान

अगर आप भी अपने बच्चे को इस तरह अकेले छोड़कर अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं, तो आपको भी सावधान होने की जरूरत है। बच्चों को कोई भी ऐसी चीज ना दें, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़े।  ढक्कन निकाला गया। अब बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है। लेकिन चंद पलों की देरी भी उसकी जान जोखिम में डाल सकती थी।

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