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Blue Dragon Fish: चेन्नई के बीच पर मिली ‘ब्लू ड्रैगन’ ए​क इंच की इस मछली को छूने से हो जाते हैं छाले

Blue Dragon Fish: समुद्र की दुनिया आज भी इंसानों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है। इनकी गहराईयों में आज भी ऐसे कई जीव रहते है जिसके बारें में इंसानों को कोई जानकारी है। समुद्र की गहराईयों में रह रहे इन जीवों के बारे में जानने के लिए आज भी कई वैज्ञानिक खोज में […]

Blue Dragon Fish: समुद्र की दुनिया आज भी इंसानों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है। इनकी गहराईयों में आज भी ऐसे कई जीव रहते है जिसके बारें में इंसानों को कोई जानकारी है। समुद्र की गहराईयों में रह रहे इन जीवों के बारे में जानने के लिए आज भी कई वैज्ञानिक खोज में लगे हुए है। लेकिन हाल ही में चेन्नई के बीच पर समुद्र से निकले एक ऐसे जीव को देखा गया है। जो दिखने में काफी छोटे पर इंसानों के लिए काफी जहरीले माने जाते है। इस जीव को छूने भर से ही हाथों में छाले और खुजली होने लगती है। इस जीव को ब्लू ड्रैगन (Blue Dragon Fish) के नाम से जाना जाता है। तो चलिए जानते है इस ब्लू ड्रैगन से जुड़ी कुछ रोचक बातें:—

ब्लू ड्रैगन :-

ब्लू बटन्स (Blue buttons) या ब्लू सी ड्रैगन्स (Blue sea dragons) के नाम से प्रसिद्ध यह मछली समुद्र की गहराईयों में पाई जाती है। इसलिए यह आसानी से लोगों की नजर में नहीं आता। लेकिन चेन्नई में बाढ़ और समुद्र में तेल गिरने के वजह से ब्लू ड्रैगन मछली समुद्र में बह कर सैकड़ों की संख्या बीच पर आ गई। यह देखने में काफी खूबसूरत होती है। ब्लू ड्रैगन नीले रंग की होती है। नीले रंग की वजह यह पानी के अंदर आसानी से छुप जाते है। वहीं यह मछली जैली फिश को अपना भोजन बनाती है।

जहरीला होता हैं इनका डंक

ब्लू ड्रैगन का जहर इतना ज्यादा तेज होता है कि इसे सिर्फ छूने से चमड़ी में छाले,दर्द और खुजली जैसी समस्या हो सकती है। इंसानों को इसे ना छूने की ही सलाह दी जाती है। हालांकि ब्लू ड्रैगन का जहर इंसानों के लिए जानलेवा नहीं माना जाता। इसे ब्लू बटन्स,ब्लू सी ड्रैगन्स के अलावा पूरी दुनिया में ग्लॉकस अटलैंटिक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह उपर से नीचे की ओर तैरते है और कभी कभी पानी के सतह पर घूमते है।

मरने के बाद भी काम करता है जहर

जानकारी के अनुसार ब्लू ड्रैगन जहर छोड़ने के लिए अपने डंकों का इस्तेमाल करते है। इनका जहर मरने के बाद भी काफी समय तक एक्टिव रहता है। यह बहुत तेज़ करंट भी मारते हैं। अक्सर यह जेलीफिश के साथ तैरते है, जिसे ब्लू फीट कहा जाता है। चेन्नई से पहले भी साउथ अफ्रीका के केपटाउन,अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में ब्लू ड्रेगन को समुद्री तटों पर देखा गया है।

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