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Lok Sabha Elections 2024: चिदंबरम के बयान पर शाह का पलटवार, सीएए और भारतीय न्‍याय संहिता पर कांग्रेस को घेरा

Lok Sabha Elections 2024: नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक बयान दिया था। जो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर था। इस बयान पर अब सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। बीजेपी ने बयान को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए बड़ा हमला बोला है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा […]

Lok Sabha Elections 2024: नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक बयान दिया था। जो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर था। इस बयान पर अब सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। बीजेपी ने बयान को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए बड़ा हमला बोला है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीती में अंधी कांग्रेस पहले चरण में अपना सूपड़ा साफ होते देख बोखला गई है।

पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार (Lok Sabha Elections 2024) करते हुए अमित शाह ने कहा, कांग्रेस पार्टी अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए प्रताड़ित हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के लोगों का अहित करने पर आमदा है। पीएम मोदी की गारंटी है, धर्मिक प्रताड़ना झेल कर भारत आए हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के एक-एक व्यक्ति को सीएए से नागरिकता मिलेगी, इसको कोई भी नहीं रोक सकता है।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने अंग्रेजों की गुलामी के कालखंड के आपराधिक कानूनों को बदल कर भारत को दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय व्यवस्था दी है। उसे कांग्रेस बदलने की बात कर रही है। कांग्रेस को हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी भाइयों को नागरिकता मिलने से समस्या है। कांग्रेस को कानूनों से 3 साल के अन्दर न्याय मिलने से समस्या है। इसलिए जनता अधिक ताकत के साथ इस बार के कांग्रेस को सबक सिखाने वाली है।

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पी चिदंबरम ने दिया था सीएए पर बयान

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को केरल (Lok Sabha Elections 2024) में एक सभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी के 10 साल के शासन में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गंभीर रूप से कमजोर हुई है। उन्होंने लोगों से लोकतंत्र को बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि भले कांग्रेस के घोषणापत्र में विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर निरस्त कर दिया जाएगा।

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