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ANURAG THAKUR LOKSABHA2024: पिता सड़कों वाले मुख्यमंत्री, अनुराग 4 बार लगातार जीते चुनाव…

ANURAG THAKUR LOKSABHA2024: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दूसरी लिस्ट जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) की एक सीट पर अनुराग ठाकुर को टिकट दिया गया। ये पहली बार नहीं है, ऐसा अनुराग ठाकुर के साथ 5वीं बार हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से 5वीं […]

ANURAG THAKUR LOKSABHA2024: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दूसरी लिस्ट जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) की एक सीट पर अनुराग ठाकुर को टिकट दिया गया। ये पहली बार नहीं है, ऐसा अनुराग ठाकुर के साथ 5वीं बार हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से 5वीं बार मैदान में उतारा है। केंद्र में और हिमाचल प्रदेश में चर्चा में रहने वाले केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का राजनीतिक करियर नया नहीं है। अनुराग ठाकुर की राजनीति का सफर उनके पिता से शुरू होता है। वो भी हिमाचल में किसी छोटे पद से नहीं, जबकि 2 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहने के बाद विरासत अनुराग ठाकुर को सौंपी गयी और अनुराग ठाकुर ने निभाई भी…

अनुराग ठाकुर की पृष्टभूमि

24 अक्तूबर 1974 को हमीरपुर में ही जन्मे अनुराग ठाकुर (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) के लिए राजनीति में प्रवेश करना शायद आसान हो, आसान इसलिए क्यों कि पिता राजनीति में लंबे समय से सक्रिय थे और जब अनुराग कि उम्र हुई तब तक पिता मुख्यमंत्री के पद तक पहुँच चुके थे। परंतु खुद को राजनीति में बनाए रखना इतना आसान भी नहीं रहा है। इसकी वजह है कि पहले हिमाचल प्रदेश में ही राजनीति कि शुरूआत तो की ही थी, इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा में अपनी पहचान ऐसी स्थायी की कि, भारतीय जनता युवा मोर्चा यानि भाजयुमो के लगातार तीन बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।

पिता से भी है सकारात्मक पहचान

हमीरपुर सीट पर असल में भाजपा का लगभग एकछत्र राज रहा है। इसी सीट से 2 बार सांसद अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) भी रहे। ये एक बड़ी वजह है कि अनुराग ठाकुर को अपनी पहचान के साथ जनता से मिलना जुलना हुआ और उनके चहेते बन गए। परंतु लगातार सरकार में बने रहना कहाँ ही आसान था। इन सभी सीढ़ियों को भी अनुराग ठाकुर ने पार किया। लोकसभा चुनाव 2024 में अनुराग ठाकुर को इसी सीट से 5वीं बार टिकट दिया जा रहा है। अनुराग ठाकुर केंद्र सरकार में युवा मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी हैं। खेल का मंत्रालय भी अनुराग ही देखते हैं। इन सभी मंत्रालयों में अपनी सकारात्मक छवि बनाए हुए हैं। हालांकि कुछ ही समय पहले महिला पहलवानों को लेकर काफी विवाद हुआ था।

2008 से जीत रहे हैं अनुराग ठाकुर

पहली बार 2008 में हमीरपुर का जिम्मा अनुराग ठाकुर (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) के हाथ आया था। उस उप चुनाव में अनुराग ने ऐसी जीत दर्ज की कि, 2008 से लेकर, 2009, 2014 और फिर 2019 में भी हमीरपुर में भाजपा की इबारत जीत अपने हाथों लिखी। इसी विश्वास से इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने फिर से विश्वास के साथ अनुराग ठाकुर को टिकट दिया है। अभी तक के आसार और राजनीति के विद्वानों की मानें तो ये चुनाव आसान नहीं होगा परंतु फिर भी जीत की संभावनाओं का काँटा अनुराग ठाकुर कि तरफ ही झुका हुआ नज़र आ रहा है।

खेलों से जुड़े रहे हैं अनुराग

अनुराग ठाकुर का खेलों के साथ हमेशा से ही प्रत्यक्ष जुड़ाव रहा है। वो भी किसी (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) एक खेल के साथ नहीं। अप्रत्यक्ष तौर पर कई तरह के खेलों के और उनके खिलाड़ियों के संपर्क में हमेशा से रहे हैं। क्रिकेट का सबसे बड़ा क्लब, बीसीसीआई के और हिमाचल क्रिकेट बोर्ड के भी अध्यक्ष पद पर काम कर चुके हैं। इसके आलवा भी इनके भाई और नया भी क्रिकेट बोर्ड में कार्यरत रह चुके हैं। अब अनुराग खुद खेल केन्द्रीय मंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं।

पिता सड़कों वाला मुख्यमंत्री

अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश में सड़कों वाले मुख्यमंत्री (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) के नाम से पहचान बनाए हुए हैं। इसकी वजह ये है कि उनके सत्ता काल में हिमाचल प्रदेश में खूब सड़के बनाई गयी। विकास की नयी दिशा की तरफ जाता हिमाचल अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में हिमाचल में भाजपा की पहचान बनी। अभी तक 4 बार सांसदी के चुनाव में जीत में इस अवधारणा ने भी अहम भूमिका निभाई है और पिता का भी पूरा सहयोग रहा है।

हमीरपुर क्यों है इस बार खास?

भाजपा के लिए हमीरपुर इसलिए भी खास है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर कि सीट भाजपा कि तय सीट मानी जाती है। इसकी वजह है यहाँ पर 1998 से अभी तक लगातार भाजपा ही जीती है। एक बार भी चुनाव में किसी और को जीतने नहीं दिया गया। हालांकि इस बार मामला इतना आसान नहीं रहेगा। इसकी वजह है कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार में काँग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इसी क्षेत्र से आते हैं। जाहीर है उनकी भी इस जगह पर पकड़ अच्छी ख़ासी होगी ही। ऐसे में मामला इस बार एक तरफा नहीं होने वाला।

काँग्रेस कि तरफ से नहीं आया कोई नाम

जहां भाजपा लगातार लोकसभा चुनाव 2024 के लिए लगातार अपने कैंडिडैटस की लिस्ट (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) निकाल रहे हैं, वहीं काँग्रेस अभी इस फहरिश्त में बहुत पीछे नज़र आ रही है। अभी हमीरपुर को भी अपने काँग्रेस पार्टी के चेहरे का प्रतीक्षा है। इस सीट पर हमेशा काँग्रेस और भाजपा कि टक्कर ही देखने को मिलती है। थर्ड फ्रंट जैसी स्थितियाँ यहाँ कम ही देखने को मिली है। अबकी बार भी गणनाएँ तो यही कह रही है की मामला काँग्रेस और भाजपा के आमने सामने ही होगा। परंतु अभी इस सीट पर काँग्रेस की तरफ से कैंडिडैट घोषित होना अभी बाकी है।

हमीरपुर पर भाजपा की 11 जीत

हमीरपुर सीट संसदीय क्षेत्र में 1967 में आई और गठन किया गया। इसके बाद से लेकर अब तक यानि आखिरी चुनाव 2019 तक 16 आम चुनाव या ये कहें कि लोकसभा चुनाव हुए हैं… परंतु 16 में से काँग्रेस 5 बार ही जीत पाई है। बाकी के 11 चुनावों में भाजपा ने ही जीत हासिल कि और सदन में गए। दूसरी पार्टियों का इस सीट के लिए कोई इतिहास नहीं है। इसलिए इस बार भी संभावनाओं का बाज़ार अनुराग ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के लिए ही गरम है। 400 पार वाले टार्गेट में हमीरपुर सीट को तय माना जा रहा है।

17 विधानसभा क्षेत्र हैं हमीरपुर में

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। जिसमें से वर्तमान विधानसभा (ANURAG THAKUR LOKSABHA2024) में भाजपा के पास 5 ही विधायक हैं और दो विधायक निर्दलीय चुनाव जीत कर विधानसभा तक पहुंचे हैं। इसी क्षेत्र से जीतने काँग्रेस के 10 विधायकों ने हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने में काँग्रेस को मदद कि। काँग्रेस पर निर्भर ये भी करता है कि वो यहाँ से किसे मैदान में उतारेगी। क्योंकी विधानसभा में काँग्रेस ताकतवर है, अब चुनाव फिर से आमने – सामने ही होगा।

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