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Ajmer Lok Sabha seat: अजमेर में चौधरी बनाम चौधरी..? जानिए इस सीट का पूरा जातिगत समीकरण…

Ajmer Lok Sabha seat: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को 13 सीटों पर मतदान होगा। इसमें अजमेर लोकसभा सीट भी शामिल है। राजस्थान के अजमेर लोकसभा सीट (Ajmer Lok Sabha seat) कई मायनों में बड़ी अहम मानी जा रही है। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों […]

Ajmer Lok Sabha seat: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को 13 सीटों पर मतदान होगा। इसमें अजमेर लोकसभा सीट भी शामिल है। राजस्थान के अजमेर लोकसभा सीट (Ajmer Lok Sabha seat) कई मायनों में बड़ी अहम मानी जा रही है। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगा रखा है। वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन इस बार यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है। इस बात का पता तो चार जून को ही चलेगा कि यहां की जनता किस पार्टी के प्रत्याशी को जिताकर संसद भेजती है।

धार्मिक इतिहास बहुत महत्वपूर्ण:

अजमेर धार्मिक इतिहास से देश का सबसे अहम स्थान माना जाता है। यहां पर सृष्टि के रचयिता जगत पिता ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर में मौजूद है। जबकि सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज जिन्होंने दुनिया भर में अमन चैन शांति का संदेश दिया, उनकी दरगाह भी अजमेर में मौजूद है। बता दें इस लोकसभा चुनाव में अजमेर से दो बड़े कद्दावर नेता मैदान में आमने-सामने है। कांग्रेस की तरफ से अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से निवर्तमान सांसद भागीरथ चौधरी मैदान में है।

अजमेर का जातिगत समीकरण:

अगर बात करें अजमेर के जातिगत समीकरण की तो यहां करीब 20 लाख के करीब मतदाता हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मतदाता अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। जिनकी संख्या चार से 4.5 लाख तक है। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी करीब ढाई लाख से 3 लाख तक है। गुर्जर और जाट समाज के मतदाताओं की संख्या भी लगभग सवा दो से ढाई लाख के बीच है। अगर ब्राह्मण समाज की बात करें तो ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी एक लाख से अधिक और वैश्य समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 1 लाख के करीब है। इसके अलावा अजमेर में माली और सिंधी समाज के भी मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। इनकी संख्या करीब 70 से 80 हजार के बीच है। दोनों प्रत्याशियों के सामने इन सभी समाजों को साधने की चुनौती है।

इस सीट पर सचिन पायलट की भूमिका अहम:

अजमेर की बात करें तो यहां से कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रामचंद्र चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। रामचंद्र चौधरी लगातार छह बार अजमेर डेयरी के अध्यक्ष पद पर बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। सहकारिता क्षेत्र में उनकी अच्छी पैठ है। जमीनी नेटवर्क भी काफी शानदार है।अजमेर को सचिन पायलट का गृह जिला माना जाता है। वे यहां से जीतकर केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए सचिन पायलट यहां से बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

भागीरथ चौधरी को फिर मिला मौका:

लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी की स्थिति की बात करें तो अजमेर लोकसभा सीट पर काफी बेहतर नजर आ रही है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए वर्तमान सांसद भागीरथ चौधरी को एक बार फिर मैदान में उतार दिया है। भागीरथ चौधरी को कांग्रेस की तरफ से धनी पुत्र की उपाधि दी जा रही है। लेकिन पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी इस चुनाव में अपने 400 पार के नारे के लिए पूरी ताकत के साथ लगी हुई हैं। इसके साथ ही बूथ स्तर पर भी बीजेपी के कार्यकर्ता सक्रिय रूप से मेहनत कर रहे हैं। यह भी भारतीय जनता पार्टी का एक मजबूत पक्ष है।

हार का तिलिस्म तोड़ पाएंगे रामचंद्र चौधरी..?

बता दें कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र चौधरी चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। रामचन्द्र चौधरी ने वर्ष 1990 में पहला चुनाव मसूदा से लड़ा था. 1998 में चौधरी ने भिनाय सीट पर भाग्य आजमाया था फिर वर्ष 2008 में चौधरी मसूदा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े। उसके बाद वर्ष 2013 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर चौधरी ने मसूदा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि चौधरी एक भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन अजमेर जिला दुग्ध उत्पादन समिति के चुनाव में चौधरी लगातार 30 वर्षो से जीतते आए हैं। अजमेर सरस डेयरी में 30 वर्षो से उनका दबदबा है।

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