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Agni-5 missile features: अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए स्वदेशी मिसाइल की खासियत

12:03 AM Mar 12, 2024 | Juhi Jha

Agni-5 Missile Features: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने स्वदेश निर्मित अग्नि-5 बेलिस्टिक मिसाइल (Agni-5 missile features) का आज सफल परीक्षण किया। मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ विकसित अग्नि-5 मिसाइल का यह पहला उड़ान परीक्षण था। इस सफल परीक्षण के बाद भारत की सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। इस मिसाइल का निर्माण डीआरडीओ ने मिशन दिव्यास्त्र के अंतर्गत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिव्यास्त्र के लिए डीआरडीओ को बधाई दी।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर दी बधाई:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को मिशन दिव्यास्त्र के लिए बधाई दी थी। पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि मुझे मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण है।

7,000 किमी हुई अग्नि-5 की रेंज:-

अग्नि-5 एक परमाणु बेलेस्टिक मिसाइल है जो परमाणु हथियारों को लेकर आने जाने में सक्षम है। बता दें कि पहले इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर तक थी। लेकिन अब इसकी रेंज बढ़कर 5 से 7 हजार किलोमीटर तक कर दी गई है। इसकी रेंज को बढ़ाने के लिए स्टील की जगह कंपोजिट मटेरियल का उपयोग किया गया है। पहले इसका वजन करीबन 50 हजार किलोग्राम था लेकिन स्टील की जगह कंपोजिट मटेरियल का इस्तेमाल करने से इसका वजन में 20 फीसदी कम हो गया है। जानकारी के अनुसार अब इसका वजन करीबन 40 हजार किलोग्राम हो गया है। साथ ही मिसाइन में 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु बम लगाया जा सकता है।

आवाज की गति से 24 गुना तेज है रफ्तार:-

इस मिसाइल की खास बात यह है कि ​इसकी गति आवाज की गति से 24 गुना तेज उड़ती है। इसकी रफ्तार 29,401 किमी प्रति घंटा है। वहीं इस मिसाइल में 3 स्टेज के रॉकेट बूस्टर्स का ​इस्तेमाल किया जाता है। जो सॉलिड फ्यूल पर चलते हैं। इसके अलावा दुश्मन पर एकदम सही वार करने के लिए जीपीएस, लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम प्रयोग किया गया है। बता दें कि इससे पहले अग्नि सीरीज में अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 मिसाइलें विकसित की जा चुकी है। इसके साथ ही आज अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है।

MIRV तकनीक है ​अग्नि 5 की सबसे बड़ी खासियत:-

अग्नि-5 बेलिस्टिक मिसाइल में मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स तकनीक यानी MIRV तकनीक इसे सबसे ज्यादा खास और खतरनाक बनाती है। दरअसल में MIRV तकनीक की इस प्रणाली से एक रॉकेट में कई ​हथियार होते है और इनमें अपने लक्ष्यों को खोजना और अलग अलग दिशाओं में जाकर उन्हें नष्ट करने की क्षमता होती है। यह एक तरह की आक्रमण करने वाली मिसाइल प्रणाली है। अग्नि 5 में एक साथ कई वॉरहेड्स होने और अलग—अलग दिशाओं में हमला करने की स्वतंत्रता की वजह से दुश्मनों के द्वारा आक्रमण को रोक पाना सम्भव नहीं होगा। इसी वजह से अग्नि 5 भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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