+

पायलट परिवार के गढ़ रहे दौसा में कहां अटका है टिकट

राजनीतिक दृष्टि से अति संवेदनशील मानी जाने वाली दौसा लोकसभा सीट पर दोनों ही राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पा रहे हैं। तय करें भी कैसे, किरोड़ी लाल मीणा, राजेश पायलट, सचिन पायलट, पंडित नवल किशोर शर्मा, नाथू सिंह गुर्जर जैसे दिग्गज नेताओं की रणभूमि रही इस सीट पर जिस तरह के जातिगत […]

राजनीतिक दृष्टि से अति संवेदनशील मानी जाने वाली दौसा लोकसभा सीट पर दोनों ही राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पा रहे हैं। तय करें भी कैसे, किरोड़ी लाल मीणा, राजेश पायलट, सचिन पायलट, पंडित नवल किशोर शर्मा, नाथू सिंह गुर्जर जैसे दिग्गज नेताओं की रणभूमि रही इस सीट पर जिस तरह के जातिगत समीकरण हैं, उन्हें देखते हुए यहां उम्मीदवार तय करना आसान नहीं है। लोकसभा ही नहीं विधानसभा में भी यहां उम्मीदवारों का चयन आखिरी क्षणों में ही होता है।

बुधवार तक होने हैं नामांकन

भाजपा अब तक 15 और कांग्रेस 17 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। कांग्रेस ने दो सीटें सीकर और नागौर गठबंधन के तहत सहयोगियों को देने का फैसला किया है। इस तरह भाजपा को अब 10 और कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटों पर फैसला करना है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होने हैं। दौसा लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग है और 27 मार्च नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख है। 25 मार्च को होली का अवकाश है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवारों के पास नामांकन जमा करने के लिए 2 ही दिन रहेंगे। दौसा में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही यह तय नहीं कर पा रही कि किसको टिकट दिया जाए।

किरोड़ी-जसकौर परिवार लिए मांग रहे टिकट

ऐसा नहीं है कि राजनीतिक पार्टियों के पास अच्छे उम्मीदवार नहीं है। दोनों दलों के पास अच्छे उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट है, लेकिन जिताऊ उम्मीदवार कौन होगा, इस पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। भाजपा से प्रदेश के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई जगमोहन मीना के लिए टिकट मांग रहे हैं, वहीं मौजूदा सांसद जसकोर मीणा अपनी पुत्री अर्चना मीणा के लिए टिकट चाह रही हैंl इनके अलावा केसी मीणा, चंद्रमोहन मीणा, डॉक्टर धर्मसिंह मीना, गोलमा देवी का नाम भी दावेदारों की सूची में बताया जा रहा है। किरोड़ी लाल 2009 में यहां से निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं।

भाजपा प्रत्याशी का इंतजार कर रही कांग्रेस

कांग्रेस की बात करे तो मुरारीलाल मीणा, पीडी मीना, आरडी मीणा, नरेश मीणा आदि के नाम चर्चा में हैं। दौसा में प्रथम चरण में चुनाव होने हैं ओर इसके लिए अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक कोई नामांकन नहीं भरा गया है। चूंकि इस सीट का समीकरण ही ऐसा बन रहा है की यहां जो पहले उम्मीदवार घोषित करेगा उसके अनुरूप ही दूसरी पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी। भाजपा यदि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के परिवार से किसी को टिकिट देती है तो कांग्रेस नए चेहरे पर दांव खेल सकती है। यदि भाजपा किसी और पर दांव खेलती है तो कांग्रेस मुरारी लाल मीणा या उनकी पसंद के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

11 चुनावों से दो ही जातियों का वर्चस्व

दौसा लोकसभा सीट पर दो जातियों गुर्जर और मीणा का वर्चस्व रहा है। 1980 में यहां से पंडित नवल किशोर शर्मा जीते थे। इसके बाद हुए 11 चुनावों मे गुर्जर या मीणा प्रत्याशी ने ही यहां जीत दर्ज की है। कांग्रेस- भाजपा दोनों इन्ही दोनों जातियों पर दांव लगाती हैं। कांग्रेस के लिए राजेश पायलट, उनकी पत्नी रमा पायलट और फिर बेटे सचिन पायलट यहां से चुनाव जीत चुके हैं। इसी तरह भाजपा के लिए किरोड़ी लाल मीणा, नाथूसिंह गुर्जर दौसा से सांसद बन चुके हैं। हरीश मीना भी यहां से भाजपा के टिकट पर सांसद बन चुके हैं। हरीश मीणा इस बार पास की टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।

Whatsapp share
facebook twitter